संवाद सहयोगी, लखीसराय। बिहार शिक्षा परियोजना के अंतर्गत संचालित समावेशी शिक्षा के माध्यम से जिले के सभी प्रखंड क्षेत्रों में गृह आधारित दिव्यांग बच्चों के सर्वे का कार्य शुरू होगा। इसको लेकर प्रखंड वार सर्वे टीम बनाई गई है। जिले के प्रत्येक प्रखंड में दिव्यांग बच्चों की संपूर्ण जानकारी प्रखंड दिव्यांगता पंजी में है। प्रत्येक वर्ष इसका डोर-टू-डोर सर्वे के आधार पर अपडेट किया जाता है। इस साल भी जिले में कार्यरत सभी संसाधन शिक्षक, पुनर्वास विशेषज्ञ व समावेशी शिक्षा के प्रखंड साधन सेवी ही डोर-टू-डोर सर्वे करेंगे। जिले में सर्वेक्षण कार्य 25 अप्रैल से 10 जून तक होना है। सर्वे के बाद विद्यालय स्तर पर अपडेट बाल पंजी में अंकित दिव्यांग बच्चों की सूची के साथ मिलान किया जाएगा। जिन दिव्यांग बच्चों का नाम नहीं होगा, उसे सूची में हर हाल में जोड़ा जाएगा। जिलास्तर पर टीम गठित कर सर्वेक्षण इसकी मॉनिटरिग की जाएगी। जिले के रामगढ चौक, हलसी और पिपरिया प्रखंड में 31 मई तक सर्वे कार्य पूरा होना है। जबकि लखीसराय, कजरा, सूर्यगढ़ा एवं बड़हिया क्षेत्र में 10 जून तक सर्वे पूरा किया जाएगा। समावेशी शिक्षा के तहत छह से 14 वर्ष के दिव्यांग बच्चों का होगा सर्वे
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डीपीओ संजय कुमार ने समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के तहत छह से 14 वर्ष के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का गृह आधारित सर्वे करने के निर्देश सभी प्रखंड साधनसेवी को दिया है। सर्वे टीम 10जून तक प्रत्येक स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र एवं उसके पोषक क्षेत्र में भ्रमण कर यह कार्य पूरा करेंगे। संभाग प्रभारी ओमजी आनंद ने बताया कि सर्वे में प्राप्त आंकड़े का स्कूल स्तर पर संधारित बालपंजी में अंकित दिव्यांग बच्चों की सूची के साथ मिलान किया जाएगा। जिन बच्चों का नाम नहीं है तो उनके नाम को जोड़ा जाएगा। आवासीय एवं गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर के लिए वाणी दोष, मानसिक मंदता, पूर्ण तथा अल्प ²ष्टि बाधित एवं संसाधन केंद्र में पंजीयन के लिए अभिभावकों को परामर्श, दिव्यांग बच्चों की सर्जरी, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण के लिए चिह्नित बच्चों की सूची सर्वे के दौरान तैयार करनी होगी। यह कार्य स्कूल केंद्रित होगा। एक स्कूल के पोषक क्षेत्र में पाए गए दिव्यांग बच्चों की प्रविष्टि उस स्कूल के सर्वे प्रपत्र में करनी होगी।