संवाद सूत्र, सिंहेश्वर(मधेपुरा)। संसार में आना-जाना लगा रहता है। जिन्होंने भी इस संसार में जन्म लिया है, उनको एक न एक दिन शरीर त्यागना ही पड़ता है। लेकिन अच्छे इंसान इस शरीर को छोड़ने के बाद भी हमारे दिलों में जिदा रहते हैं। उक्त बातें बीएनएमयू में सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर डा. राजकुमार सिंह ने कही। वे गुरूवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर प्रभु नारायण मंडल एक जानेमाने शिक्षाविद व दार्शनिक थे। उनके निधन से पूरे बिहार और विशेषकर मधेपुरा को अपूर्णीय क्षति हुई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डा. केपी यादव ने कहा कि प्रोफेसर मंडल एक आदर्श शिक्षक थे। वे हमेशा अध्ययन-अध्यापन में लगे रहते थे और उन्हें शैक्षणिक गतिविधियों में आनंद आता था। केपी. कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डा. जवाहर पासवान ने बताया कि प्रोफेसर मंडल का जीवन-संघर्ष व शैक्षणिक साधना हमारे लिए प्रेरणादायी है। वे कपसिया (मधेपुरा) के सुदूर पिछड़े इलाके से निकलकर शिक्षा के उच्चतम शिखर तक पहुंचे।
जनसंपर्क पदाधिकारी डा. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रोफेसर मंडल उनके गुरू व अभिभावक थे। उन्होंने प्रभु बाबू के मार्गदर्शन में ही पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है और अन्य अकादमिक कार्य भी किए हैं। उन्होंने कहा कि आगे प्रोफेसर मंडल के अप्रकाशित शोध-प्रबंध को प्रकाशित कराया जाएगा और उनकी रचनाओं को भी पुस्तक के रूप में संकलित किया जाएगा। साथ ही उनकी स्मृति में व्याख्यान मालाओं का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डू कुमार, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, रिम्मी कुमारी, मंजू कुमारी, नेहा कुमारी, हिमांशु कुमार, गुड्डू कुमार यादव, प्रकाश कुमार, राजकुमार, रितेश कुमार, नरेश कुमार, छोटू कुमार, मनोज कुमार, दिव्यांशु आनंद आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सबों ने दो मिनट का मौन रखकर प्रभु नारायण मंडल की आत्मा को शांति की प्रार्थना की।