अरवल : जिले में 20 अप्रैल से सरकारी दर पर गेहूं खरीद शुरू हो गई है। सरकार ने 2015 रुपये प्रति क्विटल एमएसपी तय किया है। लेकिन, किसान इस बार पैक्स व व्यापार मंडलों में गेहूं बेचने से परहेज कर रहे हैं। दरअसल, किसानों को खुले बाजारों में भी यही रेट मिल रहा है। व्यापारी खलिहान से ही गेहूं की खरीदारी कर किसानों को नकद भुगतान कर दे रहे हैं। ऐसे में किसान पैक्स व व्यापार मंडलों का चक्कर लगाने से बच रहे हैं। यही वजह है कि तीन दिनों में केवल करपी प्रखंड के दो किसानों ने अबतक 50 क्विटल गेहूं पैक्स को बेचे हैं। जिले में गेहूं खरीद के लिए 38 पैक्स एवं तीन व्यापार मंडल के माध्यम से इस वर्ष पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी करनी है। गेहूं खरीदारी के लिए सरकार ने 31 मई तक अंतिम तिथि निर्धारित की है। गेहूं बेचने के लिए अबतक 182 किसानों ने आवेदन किया है। लेकिन तीन दिनों में केवल दो किसानों ने ही गेहूं बेचे हैं।
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किसानों का आरोप, पैक्स में अनाज देखकर लगाया जाता है दाम
बताया जाता है कि विभाग ने गेहूं खरीद की दर 2015 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित की है। दूसरी ओर खुले बाजार में दो हजार रुपये प्रति क्विटल की दर से गेहूं की बिक्री हो रही है। किसानों का कहना है कि व्यापारी उनके घर पर आकर सरकार द्वारा घोषित मूल्य से अधिक दर पर गेहूं खरीद कर रहे हैं। ऐसे में पैक्स में गेहूं देने का कोई औचित्य नहीं बनता है। किसानों का आरोप है कि एक तो देरी से खरीदारी की प्रक्रिया शुरू हुई और ऊपर से गेहूं बेचने के काफी इंतजार बाद उन्हें राशि मिल पाती है। अधिकारियों के ऐसे रवैये से गेहूं उत्पादक किसानों में रोष देखा जा रहा है। कई किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा गेहूं में नमी, दाना आदि कई पहलुओं को देख कर अनाज का दाम लगाया जाता है। इन सब चक्कर से अच्छा है कि किसी व्यापारी के यहां अपना गेहूं बेच कर ज्यादा मुनाफा कमा लिया जाए। किसान संतोष शर्मा ,सुनील शर्मा ,अरविद शर्मा आदि लोगों ने बताया कि कोऑपरेटिव अधिकारी द्वारा जब तक सूचना दी गई तब तक अधिकतर किसान अपना गेहूं खुले बाजार में व्यापारी को बेच चुके थे।
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कोट -
गेहूं खरीद पैक्स व व्यापार मंडलों में शुरू कर दी गई है। जिले में अब तक 41 समितियों का चयन किया गया है। खरीद की रफ्तार धीरे धीरे तेज हो रही है। पांच हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित है। 31 मई तक खरीद होगी।
बाबू राजा, जिला सहकारिता पदाधिकारी