गरमी के मौसम में सावधानी के साथ सेहत का रखें विशेष ख्याल : डा. मिथिलेश कुमार



संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा) : गर्मी के प्रकोप से लोग बीमार हो रहे हैं। खासकर बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। लोगों को बुखार, उल्टी, डिहाइड्रेशन व डायरिया की समस्या सबसे अधिक हो रही है। अस्पताल में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसमें अधिकांश मरीज लू के प्रकोप से ग्रसित होते हैं।
चिकित्सक डा. मिथिलेश कुमार ने बताया की इस मौसम में बाहर निकलने से पहले सावधानी बरतने की जरूरत है। खाली पेट कभी भी बाहर नहीं निकलें। मौसमी फल का सेवन करें व बाहरी भोजन से परहेज करें। मसालेदार व बासी भोजन से भी दूर रहें। धूप में निकलें तो सिर को ढकने के लिए टोपी, गमछा या छतरी का प्रयोग करें। साथ ही घर से बाहर निकलने के पहले भरपेट पानी अवश्य पीएं, हमेशा सूती व आरामदायक कपड़े पहनें। ओआरएस का घोल या घर में तैयार होने वाले पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नींबू पानी, आम का शर्बत आदि का सेवन करें। भरपेट ताजा भोजन करके ही घर से निकलें, धूप में अधिक न निकलें। बुखार लगने की स्थिति में सर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें। कूलर या एयर कंडीशन से धूप में एकदम न निकलें। उन्होंने बताया कि सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्यधिक पसीना निकलना, बेहोशी आना,कमजोरी महसूस होना, शरीर में ऐठन व नब्ज का असामान्य होना लू के लक्षण होते हैं। किसी भी व्यक्ति में ऐसा लक्षण पाए जाने पर उस व्यक्ति को छायादार जगह पर लिटाएं। उसके कपड़े को ढीले कर दें। उसे पेय पदार्थ के रूप में नींबू पानी या कच्चे आम को आग में पकाकर या उबाल कर उसका शर्बत पिलाएं। तापमान घटाने के लिए हर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें। साथ ही लू से प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें।

अन्य समाचार