जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। जिले में कबाड़ की आड़ में चोरी का माल खरीदने व बेचने का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है। गत दो माह के अंतराल में दो बड़ी चोरी की घटनाओं में कबाड़ी दुकानों की संलिप्तता सामने आने की बाद इसकी चर्चा जोरों पर है। ये एक ऐसा धंधा है जहां चोरी का माल आसानी से खप जाता है। इसके साथ ही चोरों को नगद भुगतान भी प्राप्त हो जाता है। इस वजह से चोरों को कोई उधारी का झंझट भी नहीं रहता। सबसे प्रमुख बात यह कि वैध और अवैध तरीके से चल रहे इन दुकानों पर सरकारी तंत्र का कोई नियंत्रण नहीं है और ना ही पुलिस कभी इन दुकानों की जांच करती है। चोरी का माल खपाने की चल रहे धंधे के बीच खाकी वालों से इनके संबंध भी बेहतर बताए जाते हैं। जब भी कभी कोई चोरी की घटना होती है तो फिर पुलिस नींद से जाग इन कबाड़ी दुकानों का चक्कर लगाना शुरू करती है।
नासरीगंज प्रखंड के अमियावर में हुए लोहा पुल चोरी में अकोढ़ीगोला के कबाड़ी दुकानों की संलिप्तता उजागर हुई है। इस मामले में पुलिस ने संबंधित दुकानदारों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है, लेकिन चोरी गए लगभग सौ टन लोहे में से पुलिस को महज ढाई क्विटल लोहा ही बरामद हो पाया है। थानाध्यक्ष सुभाष कुमार के अनुसार चोरों द्वारा कुल तीन गाड़ियों में दिनदहाड़े चोरी का लोहा भरकर ढोया गया। सबसे अहम बात यह कि शातिरों ने इनमें से दो गाड़ियों का बजाप्ता धर्मकांटे पर वजन भी कराया है। इस दोनों गाड़ियों के कांटा पर्ची के अनुसार एक गाडी में 2.54 मीट्रिक टन तथा दूसरी गाड़ी में 1.46 मीट्रिक टन स्क्रैप लेकर चलते बने। कांटे पर कराए गए वजन के पर्ची में दोनों वाहनों का नंबर भी दर्ज है। इसके बावजूद चोरी गया लोहा बरामद नहीं हो पाया है। बिक्रमगंज एसडीपीओ शशिभूषण सिंह का कहना है कि इस घटना में कुछ और लोगों की पहचान हो गई है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी। पुलिस बचा हुआ लोहा बरामद करने के लिए संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है।