राजस्व कचहरी कार्यालय में भय के साये में कार्य करते है कर्मचारी



संवाद सूत्र, बिहारीगंज (मधेपुरा): प्रखंड मुख्यालय स्थित भूमि सुधार कार्यालय (राजस्व कचहरी) का भवन जर्जर रहने से कर्मचारी जान जोखिम में लेकर कार्य करने को मजबूर हैं। भवन जर्जर होने की वजह से बारिश के मौसम में छत से पानी टपकता रहता है। इससे कर्मियों को कार्यालय का अभिलेख सुरक्षित रखने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जबकि इस कार्यालय से भूमि की मालगुजारी रसीद से सरकार को प्रतिवर्ष लाखों की आय होती है। इसलिए इस कार्यालय में प्रतिदिन लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद भवन की हालत काफी खराब बनी हुई है। भवन में कार्य करने वाले कर्मियों के साथ कार्य कराने आए लोगों भी डरे-सहमे रहते हैं। कार्यालय भवन की छत के सभी तरफ छोटे-छोटे पौधे व झाड़ियों का रूप धारण कर लिया है। भवन की जर्जरता की वजह से कार्यालय की पिछले छत का एक भाग गिर चुका है, जिस कारण छत को बांस लगाकर संभाला गया है। भवन की दीवारों पर दरार इस कदर बनी हुई है कि कभी भी दुर्घटना हो सकती है। सभी परिस्थितियों को जानकर संबंधित पदाधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए है। बताया जाता है कि कई सीओ द्वारा वरीय पदाधिकारी को जर्जर भवन की सूचना दी गई है। उक्त कार्यालय का नये भवन निर्माण के लिए विभागीय स्तर से भूमि की पैमाइश भी की गई थी। इसके बावजूद भवन निर्माण को लेकर किसी तरह की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं किया जा सका है। बताते चले कि भूमि सुधार कार्यालय भवन का निर्माण वर्ष 1959 में किया गया था। इसमें चार कमरा निर्मित है। प्रखंड की 10 पंचायतों व नवसृजित नगर पंचायत बिहारीगंज की भूमि संबंधित कार्य राजस्व कचहरी कार्यालय से होता है। प्रभारी अंचल निरीक्षक सह राजस्व कर्मचारी ओमप्रकाश कुशियैत का कहना हैं कि कार्यालय का जर्जर भवन रहने की वजह से भय के साये में कार्य करना पड़ता हैं। कोट राजस्व कचहरी कार्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर बनी हुई है। इस समस्या का निदान के लिए वरीय अधिकारी के संज्ञान में दी गई है। -नागेश कुमार मेहता, अंचल पदाधिकारी, बिहारीगंज (मधेपुरा)

अन्य समाचार