संसू, नवहट्टा (सहरसा): पोषण दूर करने के लिये आइसीडीएस विभाग द्वारा 21 मार्च से चार अप्रैल तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें अभिभावकों और लाभुक महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
अन्नप्राशन व पोषण पखवाड़ा के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य बालक बालिका स्पर्धा की भी शुरुआत की गई। जिसके तहत केंद्रों पर बच्चों के वजन और लंबाई की मापी की गई।
गतिविधियों के लिए है तारीख तय
पोषण पखवाड़ा के आयोजन के लिए विभाग से कैलेंडर व गाइडलाइन जारी किये गये हैं। जिसके आधार पर विभिन्न गतिविधियों की तारीख तय की गई है। 21 से 27 मार्च तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य बालक बालिका स्पर्धा का आयोजन होगा। जिसके बाद 28 व 29 मार्च को पानी बचाओ अभियान में महिलाओं की भूमिका के तहत गतिविधियों का आयोजन होगा। वहीं, 30 मार्च से एक अप्रैल तक एनीमिया की जांच व इलाज के संबंध में लाभुक महिलाओं को जागरूक किया जायेगा। दो व तीन अप्रैल को लोगों को स्थानीय स्तर पर पोषण की कमी को दूर करने के लिये पोषण पंचायत व पोषण वाटिका को लेकर गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। अंतत: चार मार्च को पोषण पखवाड़ा के निचोड़ से लोगों को अवगत कराते हुये इसका समापन किया जायेगा। स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में कोई भी ले सकता भाग स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का उद्येश्य 0 से 06 साल तक के पोषित बच्चों को चिह्नित कर उनमें पोषण को बनाये रखने के साथ-साथ परिवार एवं समुदाय को बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति संवेदित एवं जागरूक करना है। सेविका मिथिलेश कुमारी ने बताया कि इस मूल्यांकन में कोई भी हिस्सा ले सकता है। इसके लिये पोषण ट्रेकर एप या वेब साइट के माध्यम से खुद को पंजीकृत करना होगा। इस अभियान का उद्देश्य है कि शून्य से 06 साल तक के सभी बच्चों की ट्रेकिग हो जाए, जिसके आधार उनकी काउंसिलिग की जाएगी। उन्होंने बताया, इस प्रतिस्पर्धा के माध्यम से बच्चों की लंबाई एवं वजन को मापा जाएगा। जिसके आधार पर उनमें सुपोषित और कुपोषित बच्चों का चिन्हित किया जायेगा। जो बच्चे सुपोषित निकलेंगे उनको प्रमाणित किया जाएगा।
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फोर्टिफाइड की जगह दिया जा रहा है सामान्य चावल
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संसू, सोनवर्षाराज (सहरसा): क्षेत्र में 262 आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती, धात्री, कुपोषित, अति कुपोषित व बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्रदान किये जाने को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रो के माध्यम से टीएचआर वितरण फोर्टिफाइड चावल से वितरण सुनिश्चित किया गया है। लेकिन कुपोषण के प्रति इच्छा शक्ति की ढुलमुल नीति की वजह से उक्त योजना शुरुआती दौर में ही पिछड़ती नजर आ रही है। दरअसल राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्रो के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल वितरण किये जाने के निर्देश दिया गया। जिसको लेकर बीते सोमबार से प्रखंड मुख्यालय स्थित डीएसडी गोदाम से क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविकाओं को मार्च व अप्रैल माह का चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि उपलब्ध कराए जा रहे चावल की बोरी पर लगा टैग फोर्टिफाइड चावल होने का दावा भी कर रही है। लेकिन बंद बोरी में फोर्टिफाइड चावल की जगह सामान्य चावल है। जो उक्त योजना के गुणवत्तापूर्ण होने की पोल खोल रही है। जबकि विभाग द्वारा फोर्टिफाइड चावल हेतु 451911 रुपये की राशि एसएफसी को भेजा गया। इस बाबत सीडीपीओ विमला कुमारी ने बताया कि बोरी पर फोर्टिफाइड का मार्का लगा सामान्य चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसकी जानकारी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया गया है।