संस, सहरसा: विकसित बिहार के सात निश्चय में शामिल आर्थिक हल- युवाओं को बल योजना का जिले में बुरा हाल है। इस योजना के तहत सरकार ने बच्चों को उच्च और तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए चार लाख तक के ऋण का प्रावधान तो किया, परंतु इसका लाभ लेने के लिए छात्र- छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तमाम प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद जिला से लेकर पटना तक लगभग दो सौ छात्र- छात्राओं का आवेदन भुगतान के लिए जहां- तहां लंबित पड़े हैं।
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एकरारनामा के पांच - छह महीने के बाद भी नहीं हो रहा भुगतान
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संस्थान से बच्चों पर शिक्षण शुल्क देने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है, परंतु सरकारी प्रक्रियाओं के पेंच में जिन बच्चों का एकरारनामा चार- पांच महीने पूर्व हुआ, उन्हें भी अबतक ऋण नहीं मिल सका। जबकि एकरारनामा के एक पखवाड़े के अंदर भुगतान का प्रावधान है। एकतरफ बच्चों का सेमेस्टर फी जमा नहीं हो पा रहा है, वहीं स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि नहीं मिलने से छात्र- छात्राओं को छात्रावास में रहने, किताब व अन्य शिक्षण सामग्री खरीदने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जिले के दर्जनों बच्चों के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा होनेवाली है, परंतु दिसंबर 2021 में मिलने वाला प्रथम सेमेस्टर का शुल्क व छात्रावास शुल्क का भुगतान अबतक नहीं हो सका है। भुगतान के लिए छात्र- छात्रा भटक रहे हैं, परंतु कोई ठोस उत्तर देने की स्थिति में नहीं है।
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अधिकांश छात्र- छात्राओं का आवेदन तकनीकी कारणों से पटना में लंबित पड़ा हुआ है। जिलाधिकारी स्तर से इसके लिए पत्र भी भेजा गया है। उम्मीद है कि एक पखवाड़े के अंदर इन छात्र- छात्राओं को शिक्षा ऋण का लाभ प्राप्त हो जाएगा।
इसरारूल हक
सहायक प्रबंधक, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, सहरसा।