संवाद सूत्र, गम्हरिया (मधेपुरा) : पंचायत चुनाव के बाद नए मुखिया और पंचायत समिति सदस्यों ने पंचायत में मनरेगा से नए कार्य की शुरुआत तो की, लेकिन सिचाई विभाग के एक पत्र ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया है।
प्रखंड अंतर्गत पंचायतों में कार्य की कमी को देखते हुए मुखिया ने मनरेगा से नहर और ग्रामीण जलवारा (वीसी) की सफाई और जीर्णोद्धार कार्य की शुरुआत की, लेकिन सिचाई विभाग से नहर या ग्रामीण जलवारा में कार्य करने को लेकर अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया। इस कारण सिचाई विभाग ने कार्य को रोकने और संबंधित मुखिया, पंचायत रोजगार सेवक और कनीय अभियंता मनरेगा के खिलाफ लिखित आवेदन गम्हरिया, मधेपुरा और घैलाढ़ थाना में निबंधित डाक से भेजा है। सिचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सिचाई प्रमंडल राघोपुर ने 23 फरवरी को अवर प्रमंडल पदाधिकारी के नाम पत्र जारी कर कहा कि प्रमंडलीय अंतर्गत नहर बांधों पर मनरेगा से सडक निर्माण व नहर व ग्रामीण जलवारा के तल की सफाई का काम बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के प्रारंभ किया गया है। जो विभागीय आदेश के प्रतिकूल है। इस संबंध में विभाग को सुचित नहीं किया गया है। इसलिए नहर व ग्रामीण जलवारा पर बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के जारी काम को तत्काल रोक लगाया जाय। पत्र के आलोक में कनीय अभियंता ने चिकनी पंचायत में हो रहे कार्य का जिक्र करते हुए कहा कि पंचायत रोजगार सेवक, मुखिया और कनीय अभियंता मनरेगा ने सिचाई विभाग से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के ही कार्य प्रारंभ कर दिया है। जिसे तत्काल रोक लगाने की मांग की है। इस बाबत में कनीय अभियंता मनरेगा सोहन राम ने बताया कि प्रखंड के सभी पंचायत में ग्रामीण जलवारा और माईनर के जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा था। मनरेगा से मजदूरों को काम देने के उद्देश्य से चिकनी सहित विभिन्न पंचायत में वीसी नहर सफाई का काम किया गया है। जहां तक सिचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की बात है तो सिचाई विभाग को संचालित योजना के संबंध में जानकारी दी गई है। वैसे मौखिक रूप से भी सिचाई विभाग के अभियंता को भी देख रेख के लिए कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सिचाई विभाग के आपत्ति के बाद काम को रोक दिया गया है। अनापत्ति प्रमाणपत्र आने के बाद ही काम किया जाएगा।