संवाद सूत्र, सिंहेश्वर (मधेपुरा) : बीएन मंडल विवि में डिग्री पार्ट वन सत्र 2021-22 में आन स्पाट नामांकन की तिथि बढ़ाई गई है। अब छात्र-छात्राएं चार जनवरी तक कर नामांकन कर सकते हैं। इस बाबत नोडल पदाधिकारी शशिभूषण ने बताया कि जो छात्र-छात्राएं अब तक नामांकन के लिए आनलाइन आवेदन नहीं कर पाए हैं, वे भी इस दौरान नामांकन कर सकते हैं। साथ ही वैसे छात्र-छात्राएं जिनका तीनों चयन सूची में नाम नहीं आया है, वे आनलाइन विषय परिवर्तन भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सभी कालेजों को निर्देश दिया गया है कि नामांकन के उपरांत उसी दिन पोर्टल पर भी नामांकन कंफर्म कर दें, ताकि छात्रों को परेशानी नहीं हो। छात्र-छात्राओं के लिए नामांकन का यह अंतिम मौका होगा। नामांकन से वंचित हो रहे हैं छात्र बीएन मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न डिग्री कालेजों में कई विषयों के सीट नहीं होने से बड़ी संख्या में छात्र नामांकन से वंचित हो रहे हैं। अपने इच्छुक विषयों में नामांकन नहीं होने से छात्रों को पढ़ाई के प्रति उदासीनता बढ़ने के साथ मनोवैज्ञानिक रूप से परेशान हो रहे है। बीएनएमयू में स्नातक पार्ट वन 2021-22 में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। कुल 32 विषयों में करीब एक दर्जन विषयों में निर्धारित सीट से कई गुणा अधिक छात्र आवेदन किए हैं। इस कारण हजारों छात्र नामांकन से वंचित हो रहे हैं। ऐसे छात्र आनर्स के रूप में दूसरे विषय में नामांकन नहीं लेना चाह रहे हैं। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय इन विषयों में सीट बढ़ाएं जिससे यहां के अधिक से अधिक छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।
छात्रों का हो रहा है आर्थिक दोहन बीएनएमयू के विभिन्न कालेजों में नामांकन के लिए निर्धारित सीट से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है। इनमें हिदी, भूगोल, गृह विज्ञान, इतिहास, संगीत, जंतु विज्ञान, रसायन शास्त्र, वनस्पति विज्ञान, भौतिकी, मनोविज्ञान आदि प्रमुख है। इन विषयों में 24 हजार से अधिक छात्र नामांकन से वंचित रह जाएंगे। नामांकन के लिए छात्रों की भारी भीड़ में छात्रों के बीच धक्कामुक्की भी हो रही है। छात्रों को अपने पसंद के विषयों में नामांकन नहीं होने से दूसरे विषय में नामांकन कराने के इच्छुक छात्रों को विषय परिवर्तन कराने में परेशानी हो रही है। यूएमआइएस पोर्टल में ऐसा साफ्टवेयर नहीं डाला गया है, जिससे छात्रों को आप्सन का पता चल सके। ऐसे में कई छात्रों को दो से तीन बार आनलाइन आवेदन करना पड़ता है। इससे उन्हें हर बार ढ़ाई सौ रुपए भरना पड़ता है। 150 रुपए यूएमआइएस के खाते में देना पड़ता है। जबकि एक सौ रुपए साइबर कैफे वाले को देना पड़ता है। इससे छात्रों का आर्थिक दोहन हो रहा है।