जागरण संवाददाता, मधेपुरा: कोसी क्षेत्र अब मछलियों का हब बनेगा। यहां मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा। इस प्रोजेक्ट के तहत कृषि कार्य के साथ मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाना है। विश्व बैंक के सहयोग से इस इलाके में बिहार कोसी बेसिन विकास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत तालाब के निर्माण के साथ मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मछली पालन को लेकर तालाब निर्माण कराने वाले 150 मत्स्य पालकों को पटना व किशनगंज प्रशिक्षण भी दिया गया है। कोसी बेसिन विकास योजना के तकनीकी सलाहकार डा. सरोज कुमार ने बताया कि पूरे जिले में मछली पालन को लेकर तीन योजना प्रारंभ की गई है। सभी योजनाओं में 50 प्रतिशत अनुदान तालाब का निर्माण कराने के लिए दिया जा रहा है।
कृषि कार्य के साथ मत्स्य पालन
कोसी बेसिन विकास योजना के तहत जिले में 300 यूनिट तालाब का निर्माण होना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य तालाब का निर्माण करने के साथ मछली पालन के तालाब के मेड़ पर फलदार पौधे या सब्जी की खेती को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत तालाब का निर्माण कराने के इच्छुक लोगों का चयन कर लिया गया है। विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही तालाब निर्माण कराया जाएगा।
मालूम हो कि जिले में पूर्व से 250 निजी तालाबों में मत्स्य पालकों द्वारा मछली पालन किया जा रहा है। इसके अलावे 169 सरकारी तालाबों में भी मछली पालन हो रहा है। ऐसे में कोसी बेसिन विकास योजना के तहत तालाबों का निर्माण होने से मछली पालन की दिशा में काफी बल मिलेगा।
लो लैंड को भी तालाब के रूप में किया जाएगा विकसित कोसी बेसिन विकास योजना के तहत सालों भर जल जमाव वाले इलाकों को चिह्नित किया गया है। जल जमाव वाले क्षेत्र को तालाब का रूप दिया जाएगा। प्रारंभिक चरण में 19 हेक्टेयर में जल जमाव वाले क्षेत्र को तालाब के रूप विकसित करने की योजना है। इस योजना पर आने वाले खर्च पर भी 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। मछली पालन को बढ़ावा देने को लेकर बिहार कोसी बेसिन विकास योजना के तहत अभियान चलाया जा रहा है जहां तालाब के निर्माण के साथ ही मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में कोसी का यह इलाका मछली पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा। -डा. सरोज कुमार, तकनीकी सलाहकार, कोसी बेसिन विकास योजना