ओमिक्रोन के संक्रमण से सतर्क रहने की है जरूरत



संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा) : बदलते मौसम का प्रभाव अब लोगों के दैनिक जीवन में दिखने लगा है। ठंड व कोहरा के कारण तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। लगातार बढ़ रही ठंड के कारण कोरोना के नए स्ट्रेन ओमिक्रोन के संक्रमण में भी वृद्धि हो रही है। इसलिए संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता के साथ-साथ सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरैनी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर विनय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घर में रहें या बाहर कहीं से आने के बाद पूरे शरीर के साथ हाथों की विशेष सफाई बेहद जरूरी है। हाथों व शरीर की सफाई के अभाव में कई तरह की बीमारियां जन्म लेती है। ठंड के इस मौसम में सफाई पर विशेष ध्यान नहीं देने वाले लोग स्वयं के साथ दूसरों के लिए भी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। सर्दी, खांसी-जुकाम के कुछ विशेष लक्षण कोरोना जैसे ही होते हैं। इसलिए इन लक्षणों को नजर अंदाज नही करें। गंध या किसी चीज का स्वाद महसूस नहीं होना कोरोना के लक्षणों में से एक है। ठंड लगना आमतौर पर छोटी समस्या मानी जाती है। लेकिन यह कोरोना का लक्षण हो सकता है। खासतौर से बिना किसी कारण के ठंड महसूस हो तो इसे भी नजर अंदाज करना ठीक नहीं है। ठंड से पीड़ित होने पर सिरदर्द होना काफी आम बात है। यह तब भी हो सकता है जब आप कोरोना वायरस से संक्रमित होंगे। सिर पर और आंखों के ऊपर लगातार तेज दर्द कोरोना का लक्षण हो सकता है। इसलिए लापरवाही बिलकुल नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मौसम में लोग पानी भी कम पीते हैं। एक तरह से जीवनशैली बदल जाती है। इस मौसम में लोग मांस, मछली व घी खाने पर ज्यादा जोर देते हैं। जबकि ठंड के मौसम में शारीरिक गतिविधि कम हो जाया करती है। लिहाजा शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इस मौसम में बादाम व पिस्ता का सेवन हृदय रोगियों के लिए काफी लाभदायक होता है। ग्रीन टी का सेवन भी उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। ठंड के मौसम में उचित मात्रा में धूप सेंकना बेहद जरूरी है। विटामिन डी के साथ खानपान में हरी सब्जियों को भी शामिल करना चाहिए। गर्म पानी का सेवन नियमित रूप से करनी चाहिए। अदरक, हल्दी व तुलसी आदि में काफी मात्रा में आवश्यक तत्व मौजूद रहते हैं। यह शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसका सेवन किसी न किसी रूप में नियमित रूप से करनी चाहिए। इसके अलावा संतरा,मौसमी आदि रसीले फलों में भरपूर मात्रा में मिनरल्स व विटामिन सी मौजूद रहता है। फल एंटीआक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए नियमित तौर पर फलों का सेवन करनी चाहिए।
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