जागरण संवाददाता, सुपौल: भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के द्वारा शिक्षा बचाओ देश बचाओ पदयात्रा के दौरान तीसरे दिन सुपौल रथ पहुंचा। बिहार प्रदेश अध्यक्ष चुन्नू सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि देश और खास करके बिहार की शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है। बिहार के किसी भी कालेज में ना तो शैक्षणिक माहौल है ना ही समय पर पठन-पाठन होता है और ना ही किसी भी महाविद्यालय में हास्टल की व्यवस्था है। ना ही किसी भी महाविद्यालय में प्रयोगशाला की व्यवस्था है, सिर्फ प्रोफेसर आते हैं जाते हैं। छात्रों की स्थिति पूरे बिहार में एकदम दयनीय है। बिहार के कई विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्री बांटने का काम कर रहा है। ना तो उसे कल के देश के भविष्य मतलब है और ना ही अच्छी और व्यवस्थित शिक्षा व्यवस्था से। आप कुछ दिन पहले देखे होंगे जहां कुलपति के घरों से लाखों और करोड़ों रुपए निकलते हैं यह पैसा कहां से आता है। पूरा का पूरा विश्वविद्यालय सिर्फ और सिर्फ लूट का अड्डा बना हुआ है और कहीं ना कहीं इसके शिकार छात्र होते हैं। पूरे बिहार में पदयात्रा निकालकर एक-एक चीजों से छात्र-छात्राओं की समस्याओं से युवाओं की समस्याओं से रूबरू हो रहा हूं। बहुत जल्द यह पूरे बिहार में एक क्रांति का रूप लेगा। पदयात्रा बिहार के हर एक जिलों में पहुंचेगा कालेजों और विश्वविद्यालयों की हालत जो है उसके एक-एक बिदुओं पर समीक्षा कर एक महीने के पद यात्रा के बाद छात्र महापंचायत लगाया जाएगा। छात्रों का दोहन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पदयात्रा में साथ चल रहे बिहार प्रदेश सचिव रवि कुमार ने कहा छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ जो बिहार सरकार खिलवाड़ कर रही है वह कहीं से उचित नहीं है। सरकार अपने सिस्टम में बदलाव लाए नहीं तो आने वाले समय में छात्र-छात्रा एक क्रांति का रूप लाकर इस सिस्टम को बदल देगा। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विमल यादव के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस तथा सुपौल एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि यह यात्रा सिफऱ् बिहार को ही नहीं पूरे देश को संदेश दे रहा है कि छात्रों के साथ जो यह डबल इंजन की सरकार गुमराह कर रही है उसको रास्ता दिखाने का काम एनएसयूआई के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कर रहे हैं।
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इस यात्रा में शामिल एनएसयूआई के एनएसयूआई के प्रदेश सचिव पंकज कुमार, अमित सिंह, लकी ठाकुर, हीरा कुमार, जमशेद, सागर श्रीवास्तव, मोहम्मद महताब आलम आदि मौजूद थे।