जागरण संवाददाता, मधेपुरा : विश्व मृदा दिवस के मौके पर जिला कृषि कार्यालय के परिसर में किसानों के बीच संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने कहा कि किसानों को रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल खेतों की मिट्टी जांच कराने के बाद ही करना चाहिए। बेतहासा उर्वरक के इस्तेमाल से मिट्टी में मौजूद मित्र कीट खत्म होते जाते हैं। इससे खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। राजन बालन ने कहा कि खेतों में कभी पराली नहीं जलानी चाहिए। यह मिट्टी के लिए काफी नुकसान दायक होता है।
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मौके पर सहायक निदेशक पौधा संरक्षण संजीव कुमार तांती ने भी मिट्टी की जांच को लेकर कई अहम जानकारी किसानों को दी। वहीं सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण मुरारी कुमार ने खेतों के मिट्टी जांच को लेकर कृषि विभाग की ओर से लगातार अभियान चलाया जाता है। मिट्टी की जांच कर फिर इसकी रिपोर्ट किसानों को जारी की जाती है। ऐसे में सभी किसानों को मिट्टी की जांच अवश्य करानी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान सहायक निदेशक रसायन केशव कुमार गुप्ता ने कहा कि मिट्टी जांच की प्रक्रिया काफी सरल है। ऐसे में किसानों को समय समय पर मिट्टी जांच कराकर इसकी रिपोर्ट लेनी चाहिए। इससे किसानों के पैदावार में काफी वृद्धि होगी। मौके पर सहायक निदेशक रसायन विभाग के अशोक वर्धन, विकास सिंह सहित कई मौजूद थे।
कृषि विज्ञान केंद्र में भी कार्यक्रम का हुआ आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, मधेपुरा के परिसर में विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन डा. विपुल कुमार मंडल, डा. मिथिलेश कुमार राय, डा. रामप्रकाश शर्मा, डा. एसपी विश्वकर्मा, संजीव तांती, मुरारी कुमार ने किया। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों के 203 कृषको ने भाग लिया। मौके पर मृदा विज्ञानी डा. एसपी विश्वकर्मा ने कहा कि मृदा जांच के बारे में कई अहम पहुलओं से किसानों को अवगत कराया। डा. मिथिलेश कुमार राय ने कहा कि मिट्टी की जांच होने से किसानों पता चलता है कि खेत में किस उर्वरक की कमी है और उसी उर्वरक का केवल प्रयोग करनी चाहिए।