दरभंगा। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय हरौली के सभा भवन में मंगलवार को डीएम डा. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में अधिकारियों एवं अभियंताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कुशेश्वरस्थान दोनों प्रखंड एवं बिरौल प्रखंड की कुछ पंचायतों में हर साल आने वाले बाढ़ एवं जलजमाव जैसी समस्या के निदान पर विचार-विमर्श किया गया। डीएम त्यागराजन ने बताया कि बाढ़ एवं जलजमाव से निजात के लिए प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली कमला एवं जीवछ नदी की उड़ाहीकरण का सुझाव मिला है। साथ ही जलजमाव के कारण सैकड़ों एकड़ भूमि में खेती नहीं हो पा रही है। इन खेतों में कौन सा फसल लगाया जाए, इस संबंध में मंथन किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ की समस्या का निदान के लिए विभागीय स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। अब जल-जमाव वाले क्षेत्रों में किसानों को आय बढ़ाने के लिए मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार सोच रही है। इसके लिए 40 किसानों को चयन कर उन्हें मखाना सहित जलजमाव वाले क्षेत्र में और किस फसल की खेती की जाए, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो। उन्होंने बताया कि नदी एवं जलजमाव वाले क्षेत्र में ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि किसानों को उक्त जल से सिचाई का प्रबंध हो सके। बैठक के बाद अधिकारियों के साथ डीएम ने हरौली कमला नदी घाट के स्थल निरीक्षण कर अभियंताओं को कई आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने पूर्वी प्रखंड के जलजमाव वाले क्षेत्र का भी निरीक्षण किया। मौक पर डीडीसी तनय सुल्तानिया, एसडीओ संजीव कुमार कापड़, बीडीओ उमेश प्रसाद सिंह, कुशेश्वरस्थान, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं बिरौल के सीओ क्रमश: कासिफ नवाज, अखिलेश कुमार एवं विमल कुमार कर्ण सहित जल संसाधन विभाग के कई अभियंता मौजूद थे।
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