संवाद सूत्र, कुमारखंड(मघेपुरा) : बदलते मौसम की वजह से सुबह और शाम को पारा खासकर लुढ़क रहा है। जबकि दिन में धूप निकलने पर गर्मी हो जाती है। दिन की धूप को लेकर सुबह-शाम बरती जानेवाली लापरवाही बच्चों और बुजुर्गों के साथ गर्भवती महिलाओं के लिए मुसीबत बन सकती है।
सर्दी-गर्मी की वजह से काफी संख्या में लोग बीमार पड़ने लगे हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक को कोल्ड डायरिया,निमोनिया, हाथ-पैर की अंगुलियों में सूजन, डायरिया सहित हाइपोथरमिया आदि बीमारियां होने का खतरा रहता है, जबकि सर्दी, जुकाम, बुखार होना तो स्वाभाविक है। इसलिए सर्दी के मौसम में इन बीमारियों से उचित खान-पान और सावधानी बरतकर बचा जा सकता है। वहीं महिला चिकित्सक कहती हैं कि इस मौसम में गर्भवती महिलाएं अपना विशेष ख्याल रखें। खासतौर पर सर्दी से बचाव करें। पर्याप्त गर्म ऊनी कपड़े पहनें और पौष्टिक खान पान का प्रयोग करें। बीमार होने पर अपने आप दवाएं बिल्कुल न लें। गर्भवती महिलाएं अपना ध्यान रखें : कुमारखंड के रामनगर के निजी क्लीनिक की महिला रोग विशेषज्ञ डा.नीलिमा बताती है हैं कि ठंड में गर्भवती महिलाएं अपना विशेष ध्यान रखें। पानी खूब पीयें। हालांकि ठंड में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर में पानी की कमी होने से दिकक्त हो सकती है। इसके साथ मौसमी साग सब्जियों, फल, दूध आदि का खूब सेवन करें। इससे गर्भस्थ शिशु का विकास सही तरीके से हो सकें। ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त ऊनी कपड़े पहनें, जिससे सर्दी जुकाम बुखार न होने पाए। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर डाक्टर की सलाह के बिना किसी दवा का सेवन हरगिज न करें, क्योंकि अपने आप ली गई दवा से शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। सर्दियों में बच्चे-बुजुर्गों का रखें खास ख्याल : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारखंड के मेडिकल अफसर डा. राजीव रंजन बताते हैं कि सर्दी में जरा सी लापरवाही बीमार कर सकती है। इसलिए ठंड से बचाव करें। खासकर सुबह और शाम। सर्दी जुकाम से बचने के लिए मौसमी फल, सब्जियां, मेवे, दूध आदि का सेवन करें। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और मौसमी बीमारियों से बचे रहेंगे। बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के ऊनी कपड़े पहनाएं। सिर और पैर ढके रहें। सर्दी, जुकाम बुखार एवं सांस लेने में दिक्कत होने पर अस्पताल आकर डॉक्टर को दिखाएं।