संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा): प्रखंड क्षेत्र में अक्षय नवमी के मौके पर शनिवार को श्रृद्धालुओं ने पर्यावरण के प्रति अगाध प्रेम, श्रद्धा, विश्वास व प्राचीन परंपरा के निर्वहन को लेकर श्रद्धापूर्वक आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना की। परंपरानुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को श्रद्धालुगण अक्षयवट की पूजा काफी धूमधाम से करते हैं। कोसी व मिथिलांचल में इस पर्व की काफी महत्ता है। अक्षयवट पूजा को लेकर आमजनों के अलावा महिलाओं व युवतियों में खासा उत्साह देखा गया। इस अवसर पर महिलाओं ने शनिवार को आंवले के वृक्ष के नीचे दीप जलाकर भक्ति भावना व विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना वैदिक रीति-रिवाज के साथ की। तत्पश्चात वृक्ष के नीचे मिट्टी निर्मित चूल्हे पर विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजन तैयार की गई। तत्पश्चात अपने व अपने परिवार, सगे-संबंधी की सदैव रक्षा की कामना भगवान विष्णु से की गइ। साथ ही अपने परिजनों, सगे-संबंधी, मित्रों को आमंत्रित कर श्रद्धापूर्वक आंवला वृक्ष के नीचे सामूहिक रूप से भोज का आयोजन किया गया। कहा जाता है कि अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने से जहां समाजिक जीवन जीने की सीख मिलती है। वहीं प्रकृति से प्रेम करने की भी प्रेरणा मिलती है। इस दौरान महिलाओं एवं युवतियों ने भगवान विष्णु की आराधना पर आधारित लोकगीत गाकर इसकी महत्ता का गुणगान किया। इस मौके पर दीन-हीन, दु:खियों के बीच दान-पुण्य करने का भी रिवाज है। प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को अक्षय नवमी को लेकर काफी उत्सवी माहौल देखा गया।