इंटरनेट आज तमाम प्रॉब्लम्स का सिंगल सॉल्यूशन बन चुका है। नॉलेज एंड एंटरटेनमेंट का मंच होने के साथ ही यह कम्युनिकेशन का भी फास्ट मीडियम बन गया है। यही नहीं, डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों रूप में ये इंटरनेट आज इंडियन इकॉनामी में सलाना 7.10 लाख करोड़ रुपए का योगदान भी दे रहा है।
इंटरनेट डे का इतिहास
हर साल 29 अक्टूबर को अंतरर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस मनाया जाता है। इंटरनेट की शुरुआत 1969 में हुई थी, जब अमेरिका में सेना के लिए एक कंप्यूटर नेटवर्क तैयार किया गया था, जिससे परमाणु युद्ध होने की स्थिति में सूचना का आदान-प्रदान किया जा सके। इंटरनेट अरपानेट (एंडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) के रूप में इसे जाना जाता था। चार्ली क्लाइन ने 29 अक्टूबर 1969 को पहली बार इलेक्ट्रॉनिक संदेश इस पर प्रेषित किया। 2005 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस मनाया गया था। अंतरर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस अभिव्यक्ति से जुड़ा हुआ है।
जीवन को सुविधाजनक बनाता इंटरनेट
ज्ञान-विज्ञान, पढ़ाई, व्यापार, नौकरी की तलाश, सरकारी काम, बिलों का भुगतान, बैंकिंग लेन-देन, पत्राचार, बातचीत, टिकट की खरीद, मौसम की जानकारी, मनोरंजन, वीडियो फिल्म, तस्वीर, कहानियां, चुटकुले, हास्य व्यंग्य, सिनेमा, देश-विदेश के समाचार, अखबार, पत्रिकाएं और तमाम-सी चीज़ें हैं, जिन्हें देखने, पढ़ने और सुनने में सभी उम्र और रुचि वर्ग के लोगों को दिलचस्पी हो सकती है और यह सब इंटरनेट के जरिए सुलभ है। कुल मिलाकर इंटरनेट माध्यम को आज जो लोकप्रियता हासिल हो रही है, वह इस पर सोशल नेटवर्किंग के प्रभुत्व के कारण भी संभव हुई है।
इकॉनमी में इंटरनेट का योगदान
दुनिया में आज 3.9 अरब लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में इसके 56 करोड़ यूजर्स हैं। 2018 में दुनियाभर में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 51.2 फीसदी रही। 1995 में महज 1.6 करोड़ लोग ऑनलाइन थे। इंटरनेट, इंडियन इकॉनामी में सलाना 7.10 लाख करोड़ रुपए का योगदान देता है।
भारत में साइबर एडिक्शन को लेकर किए गए एक सर्वे के अनुसार 18 से 30 साल के बीच 5 में से 3 युवा ऐसे हैं जो अपने स्मार्टफोन के बगैर बुरी तरह से बेचैन हो जाते हैं। इनमें 96 फीसदी लोग सवेरे उठकर सबसे पहले सोशल मीडिया पर जाते हैं। 70 फीसदी युवाओं का कहना है कि वे ई-मेल और सोशल मीडिया को चेक किए बगैर नहीं जी सकते।
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