मुंबई क्रूज ड्रग्स पार्टी केस (Cruise Drugs Case) में आर्य खान की जमानत याचिका (Aryan Khan Bail Plea) में आज यानी गुरुवार को मुंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) में सुनवाई जारी रहेगी. आज मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई का तीसरा दिन होगा. आज दोपहर 2:30 बजे सुनवाई होगी. बुधवार को आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमीचा की दलीलें पूरी हो गई हैं. अब आज इसपर एनसीबी अपना पक्ष रखेगी. कोर्ट में एएसजी अनिल सिंह एनसीबी का पक्ष रखेंगे. कोर्ट में बुधवार को उन्होंने कहा कि वो कोशिश करेंगे कि एक घंटे में वो अपनी पूरी बात रख सकें.
वहीं अगर आर्यन खान को शनिवार तक जमानत नहीं मिली को उन्हें 17 नवंबर तक जेल में ही रहना होगा. क्योंकि इसके बाद कोर्ट दिवाली अवकाश पर चली जाएगी. मामले में आर्यन का पक्ष रखते हुए उनके वकील ने कहा कि एनसीबी ने आर्यन खान और दो अन्य आरोपियों को साजिश में शामिल होने की बात की है, लेकिन आधिकारिक रूप से कभी इस आरोप पर जोर नहीं दिया है. न्यायमूर्ति एनडब्ल्यू साम्बरे की अदालत में आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत पर हो रही सुनवाई बुधवार को दूसरे दिन भी पूरी नहीं हो सकी.
अनिल सिंह रखेंगे एनसीबी का पक्ष
एनसीबी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह गुरुवार को इस मामले में अपनी दलीलें पेश करेंगे. मुंबई तट के नजदीक क्रूज पर एनसीबी की छापेमारी के दौरान मादक पदार्थ मिलने के मामले में तीन अक्टूबर को गिरफ्तार आर्यन खान , मर्चेंट और धमेचा तीन अक्टूबर से ही जेल में हैं. मामले पर बुधवार को करीब दो घंटे हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति साम्बरे ने कहा कल हम इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे.
आर्यन खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि यह गिरफ्तारी संवैधानिक प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है क्योंकि गिरफ्तारी वारंट में वास्तविक और सही आधार का उल्लेख नहीं था. मर्चेंट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत द्वारा मंगलवार को इसी मामले के दो आरोपियों-मनीष राजगढ़िया और अविन साहू- को दी गई जमानत की ओर ध्यान आकर्षित कराया.
जमानत के लिए दी ये दलील
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ भी आरोप समान है. बल्कि उनमें से एक पास से 2.6 ग्राम गांजा मिला था जबकि दूसरे ने उसका सेवन किया था. देसाई ने कहा कि इन लड़कों (आर्यन और मर्चेंट) को अगर समानता के आधार पर नहीं तो स्वतंत्रता के आधार पर जमानत दी जानी चाहिए. सख्त शर्तों के आधार पर इन्हें जमानत पर रिहा करें.
उन्होंने अदालत से कहा कि साजिश और उकसाने का आरोप एनसीबी ने बाद में लगाया है. देसाई ने कहा कि उन्हें (आर्यन और मर्चेंट) को गिरफ्तार करने के बजाय एनसीबी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-41ए (आरोपी को मामूली अपराध में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस) का नोटिस जारी किया जाना चाहिए था.
गिरफ्तारी की जरूरत ही नहीं थी
देसाई ने सवाल किया कि उनकी गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी जब साजिश का आरोप लगाया भी नहीं गया था. उन्होंने कहा कि मामूली मात्रा में नशीला पदार्थ बरामद होने पर केवल एक साल की सजा का प्रावधान है. यह मामूली अपराध था. तीन अक्टूबर को एनसीबी द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट में केवल नशीले पदार्थ के सेवन और रखने से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम की धारा-20(बी) और 27 का उल्लेख था. उन्होंने कहा कि उसमें धारा-28 और 29 का उल्लेख नहीं है जो उकसाने और साजिश से संबंधित है.
देसाई ने कहा कि मौके पर बरामद सामान का एनसीबी द्वारा किए गए आकलन के मुताबिक…ये तीनों अलग अलग मादक पदार्थ के सेवन और रखने का कार्य कर रहे थे. उस तारीख को तीनों के खिलाफ आधिकारिक रूप से साजिश का आरोप नहीं लगाया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि तीन अक्टूबर को एनसीबी ने उनकी हिरासत लेने के लिए मजिस्ट्रेट को यह मानने के लिए भ्रमित किया कि साजिश का आरोप भी लगाया गया है.
व्हाट्सऐप चैट का नहीं है कोई संबंध
हाईकोर्ट ने जब पूछा कि मामले के दो सह आरोपियों जिन्हें जमानत मिली है उनका कोई संबंध आर्यन खान और मर्चेंट से है तो देसाई ने कहा कि निश्चित तौर पर उनका कोई संबंध नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इन तीन आरोपियों की अन्य आरोपियों के बीच कोई व्हट्सऐप चैट नहीं है. एनसीबी जिन व्हाट्सऐप पर भरोस कर रही है वे पुराने हैं और इस मामले से संबंधित नहीं है.
इन चैट के औचित्य पर सवाल उठाते हुए वकील ने कहा कि आर्यन और अन्य के कथित व्हाट्सऐप चैट को मीडिया को उपलब्ध कराया गया लेकिन वह अदालत के रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है. न्यायमूर्ति साम्बरे ने कहा कि ब्रिटेन ने इलेक्ट्रॉनिक सबूत को सत्यापित करने के लिए प्रमाण पत्र के प्रावधान को हटा दिया है लेकिन भारत में इसकी जरूरत होती है. धमेचा की ओर से पेश वकील काशिफ अली खान देशमुख ने कहा कि उनके मुवक्किल को बलि का बकरा इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि उन्हें आर्यन खान और मर्चेंट के साथ गिरफ्तार किया गया.
ड्रग्स का सेवन नहीं करती धमेचा
उन्होंने कहा कि एनसीबी ने धमेचा को कथित ड्रग नेटवर्क का हिस्सा बना दिया है. लेकिन वह इन लोगों (खान और मर्चेंट) को जानती तक नहीं है. वह मध्यप्रदेश के छोटे शहर से आई है और फैशन मॉडल है. उन्होंने कहा कि धमेचा ने कभी मादक पदार्थ का सेवन नहीं किया है और चिकित्सा जांच से इसकी पुष्टि की जा सकती है. एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद पिछले सप्ताह तीनों ने हाईकोर्ट का रुख किया.
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