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संसद का शीत सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी तैयारियां कर ली हैं। सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा। महामारी के कारण पिछले साल शीत सत्र नहीं हुआ था। वहीं, मानसून सत्र पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों के कारण हंगामे की भेंट चढ़ गया था। आइए जानते हैं देश की महत्वपूर्ण खबरें...
तकनीकी सहायता के बहाने फिशिंग को दे रहे अंजाम साइबर हमले का प्रमुख तरीका फिशिंग इन दिनों तकनीकी सहायता यानी टेक सपोर्ट देने के बहाने अंजाम दिया जा रहा है। इसमें प्रमुख तकनीकी कंपनियों का नाम इस्तेमाल हो रहा है, जिससे आम यूजर्स आसानी से शिकार बन रहे हैं। आशंका है यह हमले आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं। फिशिंग साइबर हमले में फर्जी मैसेज या वेबसाइट के जरिए यूजर्स को धोखा देकर उसके डिवाइस से संवेदनशील डाटा चुराया जाता है।यह खुलासे नॉर्टन लाइफ लॉक की वैश्विक रिसर्च टीम ने मंगलवार को किए। इसमें जुलाई से सितंबर 2021 तक साइबर सुरक्षा की जानकारी दी गई। सामने आया कि 1.23 करोड़ ऐसे यूआरएल ब्लॉक किए गए जो टेक सपोर्ट के नाम पर साइबर हमले थे। वहीं कंपनी से जुड़ी विभिन्न डिवाइस पर 86 करोड़ साइबर हमले नाकाम हुए। इनमें भारत के 1.72 करोड़ मामले थे।
साइबर सुरक्षा के लिये कोई जवाबदेह केंद्रीय संगठन नहीं: राजेश पंत देश में कई साइबर सुरक्षा संगठन हैं लेकिन ऑनलाइन क्षेत्र में सुरक्षा के लिए कोई जवाबदेह केंद्रीय निकाय नहीं है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) राजेश पंत ने मंगलवार को यह कहा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति सुरक्षा व्यवस्था के तहत इस अंतर को दूर करेगी। पंत ने कहा कि भारत में बेहतरीन संगठन हैं और पिछले एक साल में देश में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में शानदार बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर एक व्यवस्था मौजूद है लेकिन संचालन से जुड़े नियमों को लागू करने को लेकर आज कोई शीर्ष केंद्रीय संगठन नहीं है।माइक्रोसॉफ्ट के 'ऑनलाइन' साइबर सुरक्षा कार्यक्रम में पंत ने कहा, ऐसा कोई मंत्रालय या संगठन नहीं है जिसके लिए यह कहा जा सके कि आप देश की साइबर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। आधिकारिक अनुमान के अनुसार, भारत को 2020 में साइबर हमलों से करीब 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पंत के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान साइबर हमलों में 500 प्रतशत की वृद्धि हुई। इसका कारण डिजिटलीकरण को अपनाना है। भारत सबसे अधिक हमलों का सामना करने वाले देशों में से एक रहा है। उन्होंने कहा, हमने पाया इन हमलों मे से 30 प्रतिशत से अधिक अमेरिका से हुए।संचालन के स्तर पर ढांचे की जरूरत पंत ने कहा, अब हमें साइबर सुरक्षा रणनीति की जरूरत है। यह अंतिम मंजूरी के लिये मंत्रिमंडल के पास है। हमें संचालन के स्तर पर ढांचे की जरूरत है। अगर आज आप विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत काम करने के अपने तरीकों को देखें, हमने अच्छे संगठन प्राप्त किये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को घोषणा की थी कि देश में एक नई साइबर सुरक्षा रणनीति पेश की जाएगी, क्योंकि आने वाले वर्षों में साइबर क्षेत्र पर निर्भरता कई गुना बढ़ने वाली है।
केरल: त्रिशूर में प्रसिद्ध गुरुवायुर के पुजारी नारायणन नम्बूदिरीपाद का निधन केरल के त्रिशूर में प्रसिद्ध गुरुवायूर श्री कृष्ण मंदिर के मुख्य तंत्री (मुख्य पुजारी) चेन्नास नारायणन नम्बूदिरीपाद का एक अस्पताल में निधन हो गया है। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह 71 वर्ष के थे और कुछ दिनों से कोविड-19 के बाद की दिक्कतों के लिए उनका इलाज चल रहा था। उनके परिवार में पत्नी सुचित्रा अंतरजनम और एक बेटा है। वह 2014 से इस प्राचीन मंदिर के तंत्री थे और मंदिर की प्रशासनिक समिति के सदस्य भी रहे। अंग्रेजी भाषा और साहित्य में परास्नातक नम्बूदिरीपाद ने स्थानीय बैंक में एक कर्मचारी के तौर पर भी काम किया। राज्य के देवोस्वोम मंत्री के. राधाकृष्णन ने उनके निधन पर शोक जताया है।
पुलिस के नोटिस के खिलाफ ईडी की याचिका पर नवंबर में सुनवाई ईडी की तरफ से पश्चिम बंगाल पुलिस के नोटिस के खिलाफ दर्ज याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट नवंबर में सुनवाई करेगा। याचिका में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ जारी नोटिस को खारिज करने की मांग की गई है। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की तरफ से दर्ज कराई गई एक प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने यह नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने याचिका को 12 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। ईडी ने याचिका में अदालत को बताया कि अवैध कोयला खनन के मामले की जांच के सिलसिले में पुख्ता सुबूतों के आधार पर जांच एजेंसी ने बनर्जी को तीन बार जांच के लिए पेश होने के लिए समन जारी किया, जिसमें से वह केवल एक बार छह सितंबर को पेश हुए।
केरल विधानसभा में उठा बच्चे के अपहरण का मामला, यूडीएफ ने कहा 'ऑनर क्राइम' केरल विधानसभा में मंगलवार को गरमागरमी के बीच खूब प्रदर्शन हुआ। इस दौरान विपक्षी यूडीएफ ने सत्तारूढ़ माकपा के एक नेता द्वारा अपनी बेटी की जानकारी के बिना अपने नाती को गोद दे दिए जाने का मुद्दा उठाया और इसे राज्य में घटित सबसे जघन्य 'ऑनर क्राइम' करार दिया।कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने वाम सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए इस अपराध में मार्क्सवादी पार्टी के शीर्ष नेता और पूरी सरकारी मशीनरी के शामिल होने का आरोप लगाते हुए घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) की नेता और वडकारा विधायक के के रेमा ने विपक्ष की ओर से स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस की मांग की। उन्होंने कहा, अनुपमा और उनकी बच्ची केरल के अब तक के सबसे जघन्य 'ऑनर क्राइम' में से एक की शिकार हैं।गौरतलब है कि माकपा नेता की 24 बेटी अनुपमा ने अपने माता-पिता पर आरोप लगाया था कि उन लोगों ने एक साल पहले उसके नवजात बच्चे को जन्म के तुरंत बाद जबरन उससे छीन लिया था। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में अप्रैल से कई बार पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन वे उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने से हिचक रहे थे।