प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की ।
सूत्रों के मुताबिक़ पिछले कुछ समय से चिंतन शिविर की बैठक में जाते समय मंत्री कारपूलिंग कर रहे हैं। कारपूलिंग की ये प्रथा पिछली यानी की तीसरी बैठक से शुरू हुई है । दर असल प्रधानमंत्री ने मंत्रियों के बीच समन्वय की बात कही थी और विचारों के आदान प्रदान पर बल दिया था। अब इस प्रयोग के तहत एक कैबिनेट मंत्री के साथ कार में दो राज्य मंत्री बैठक के लिए जाते हैं ।ख़ास बात ये है कि तीनों मंत्री अलग - अलग मंत्रालयों और राज्यों से होते हैं ।
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट विस्तार के बाद से मंत्री परिषद की आज चौथी बैठक बुलाई थी ।जिसको चिंतन शिविर का नाम दिया गया था। इन बैठकों के ज़रिए प्रधानमंत्री का मक़सद नए मंत्रियों को मंत्रालय चलाने के गुर सिखाने और उनके बीच आपसी बातचीत को बढ़ावा देना है ।
कार पुलिंग यानी एक कार में कई मंत्रियों का बैठक के लिए एक जगह पर पहुँचना है ।राज्य मंत्रियों का एक समूह प्रत्येक बैठक में एक कैबिनेट मंत्री के साथ जाता है। इससे दोनो के बीच बातचीत भी होती है , व्यक्तिगत रिश्ते भी बनते है और मंत्रालयों के काम काज को समझने और योजनाओं की बेहतरी को लेकर खुले तौर पर चर्चा भी होती है ।
आज की बैठक में भी दो मंत्रालय का प्रेज़ेंटेशन हुआ । इसके ज़रिए कार्य में सुधार , सेवाओं का आम जनता के बीच ज़मीन पर तेज़ी से उतारना और शासन प्रणाली को मज़बूत करना मुख्य मुद्दा रहा साथ ही शासन से जुड़े सामान्य मुद्दों और मंत्रियों के रोजमर्रा के मामलों पर प्रजेंटेशन हुए ।
ऐसी तीन बैठकें पहले भी हो चुकी हैं।
पिछले ' चिंतन शिविरों ' में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान , मनसुख मंडाविया , पीयूष गोयल , गजेंद्र शेखावत , नरेंद्र सिंह तोमर और हरदीप सिंह पुरी ने प्रस्तुतियां दी हैं।
सूत्रों ने कहा कि इन प्रस्तुतियों के बाद विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर खुली चर्चा हुई , जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुझाव दिए।