आर्यन खान की जमानत पर सुनवाई बॉम्बे हाई कोर्ट ने अगले दिन तक के लिए टाल दी है। आज कोर्ट में नितिन साम्ब्रे की बेंच के सामने पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आर्यन के पक्ष में दलीलें दीं। उन्होंने बताया कि उनके क्लाइंट को बेल क्यों मिल जानी चाहिए। मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके क्लाइंट पर तो केस भी नहीं बनता है। चैट के आधार पर किसी को 20 दिन जेल में रखना ठीक नहीं।
आर्यन के पास नहीं मिली ड्रग्स
कोर्ट में सुनवाई 4 बजे के बाद शुरू हुई। पहले आर्यन की तरफ से मुकुल रोहतगी ने अपना पक्ष रखा। रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि उनके क्लाइंट के पास ड्रग्स बरामद नहीं हुई है। न ही मेडिकल हुआ जिससे ये पता चले कि उन्होंने ड्रग्स ली थी। अरबाज मर्चेंट के के जूतों से 6 ग्राम चरस मिला है। उनसे हमारा लेना-देना नहीं है। बस वह आर्यन के दोस्त हैं।
पुराने चैट का केस से नहीं कनेक्शन
मुकुल रोहतगी ने कहा, चैट से अभी कुछ साबित नहीं हुआ है। चैट पुरानी है और टर्मिनल केस से इसका कुछ लेना-देना भी नहीं है। सिर्फ वॉट्सऐप चैट के बिनाह पर किसी को 20 दिन जेल में नहीं रखा जा सकता।
बाहर पढ़े हैं, यूएस में ड्रग्स लीगल
मुकुल ने कहा, आर्यन 23 साल के हैं। कैलिफोर्निया से ग्रैजुएशन किया है और कोविड की वजह से वापस आ गए। वह बाहर रह रहे थे उसके चैट को भी इंटरनैशनल लिंक कहा जा रहा है। आर्यन क्रूज के कस्टमर भी नहीं थे। उन्हें गेस्ट के तौर पर गाबा ने इन्वाइट किया था जो कि ऑर्गनाइजर्स का जानने वाला है।
सुधारगृह भेजा जाए न कि जेल
रोहतगी ने कहा कि कानून भी कहता है कि अगर ड्रग्स का कन्जम्पशन भी मिले तो रिहैब (सुधारगृह) भेजना चाहिए न कि जेल। लोगों को जेल में डालना कानून की मंशा नहीं होनी चाहिए। सोशल जस्टिस मिनिस्ट्री भी सुधार की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि यूएस सहित कई जगहों पर गांजा लीगल है।
आर्यन का केस मामूली
मुकुल ने कहा, आर्यन खान ने न तो ड्रग्स खरीदी, न बेची और न ही रखी। उन पर तो केस बनता ही नहीं है। आर्यन का केस बहुत छोटा है जिसने उनके पेरेंट्स की वजस से सबका ध्यान खींच लिया।
For Hindustan : हिन्दुस्तान ई-समाचार पत्र के लिए क्लिक करें epaper.livehindustan.com