ड्रग्स मामले में आर्थर रोड़ जेल में बंद आर्यन खान को आज भी जमानत नहीं मिल पाई । हाई प्रोफ़ाइल क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में गिरफ़्तार आर्यन खान की जमानत याचिका पर आज बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई । कोर्ट में पूर्व एटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया मुकुल रोहतगी ने आर्यन के पक्ष में उन्हें जमानत दिलवाने के लिए दलीलें पेश की वहीं एनसीबी ने आर्यन की जमानत का पुरजोर विरोध किया । जिसके बाद कोर्ट ने फ़ैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया । अब इस केस की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी ।
आर्यन खान को नहीं मिली जमानत
आर्यन की जमानत पर आज की सुनवाई खत्म हो चुकी है । जमानत की अर्जी पर बुधवार दोपहर 2.30 बजे बॉम्बे हाईकोर्ट में फ़िर से सुनवाई होगी । उम्मीद जताई जा रही है कि कल कोर्ट आर्यन की जमानत पर फ़ैसला सुना देगी । बॉम्बे हाई कोर्ट में शाम करीब सवा चार बजे सुनवाई शुरू हुई । आर्यन खान की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनसे कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुआ है । आर्यन के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि आर्यन कोविड के दौरान भारत लौटे हैं । वे कैलिफोर्निया में पढ़ रहे थे ।
आर्यन कस्टमर नहीं थे । आर्यन क्रूज पार्टी में स्पेशल गेस्ट थे । प्रदीप गाबा ने आर्यन को पार्टी में बुलाया था । प्रदीप गावा इवेंट मैनेजर थे । आर्यन और अरबाज को बुलाया गया था । इसके अलावा रोहतगी ने यह भी कहा कि एनसीबी ने जिस चैट का हवाला दिया है वो 2018-19 की है, जिसका क्रूज ड्रग्स पार्टी केस से कोई लेना देना नहीं है. वो चैट तब हुई जब आर्यन विदेश में थे ।
एनसीबी ने जमानत का विरोध किया
इससे ठीक पहले एनसीबी ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर आर्यन की जमानत याचिका का विरोध किया । एजेंसी ने कहा कि वह (आर्यन ) ना केवल ड्रग्स लेते थे, बल्कि उसकी अवैध तस्करी में भी शामिल थे ।
आर्यन की तरफ से बोलते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरे खिलाफ आज तक नशीले पदार्थों का उपयोग, कब्जा, खरीदा या फिर बिक्री को कोई मामला नहीं है । आप मेरे द्वारा दायर पंचनामा देख सकते हैं । टीवी, सोशल मीडिया या दूसरी जगह चल रहे किसी भी विवाद से मेरा कोई संबंध नहीं है । मेरे पास एनसीबी के किसी भी अधिकारी के खिलाफ कुछ भी नहीं है ।
इसी के साथ वकील मुकुल रोहतगी ने आर्यन के पक्ष में यह भी कहा कि आर्यन की 2018,2019 और 2020 की व्हाट्सप चैट का क्रूज मामले से किसी भी तरह से कोई संबंध नहीं है । क्रूज मामला प्रतीक गाबा से शुरू हुआ और वहीं खत्म हो गया ।