बॉलीवुड स्टार सैफ़ अली ख़ान (Saif Ali Khan) भारत के सबसे अमीर घरानों में एक 'पटौदी ख़ानदान' से ताल्लुक रखते हैं. सैफ़ के दादा का नाम इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी (Iftikhar Ali Khan Pataudi) था, जो 'पटौदी के नवाब' होने के साथ-साथ भारतीय क्रिकेटर भी रह चुके हैं. सैफ़ के पिता मंसूर अली ख़ान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) भी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं. वर्तमान में सैफ़ अली ख़ान 'पटौदी खानदान' के 10वें नवाब हैं. 'पटौदी ख़ानदान' की कुल संपत्ति 7000 करोड़ रुपये के क़रीब है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सैफ़ अपनी इस संपत्ति का कोई भी हिस्सा अपने बेटे तैमूर अली ख़ान और जहांगीर अली ख़ान को नहीं दे पाएंगे.
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दरअसल, सैफ़ अली ख़ान के परनाना हमीदुल्लाह ख़ान (Hamidullah Khan) अंग्रेज़ों के जमाने में भोपाल के नवाब हुआ करते थे. हरियाणा समेत देशभर में उनकी क़रीब 7000 करोड़ रुपये की संपत्ति है. हमीदुल्लाह का कोई भी वारिस नहीं था. इस कारण उन्होंने अपनी बड़ी बेटी आबिद को अपनी सारी संपत्ति का वारिस बनाया था, लेकिन विभाजन के कुछ समय पश्चात वो पाकिस्तान जाकर बस गयीं. इसके बाद हमीदुल्लाह की मंझली बेटी साजिदा को इस प्रॉपर्टी का वारिस बनाया गया. साजिदा की शादी इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी के साथ हुई थी.
भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह की बेटी साजिदा से शादी करने के बाद इफ़्तिख़ार अली ख़ान 'पटौदी के नवाब' बन गए. इफ़्तिख़ार अली ख़ान की मौत के बाद मंसूर अली ख़ान 'पटौदी खानदान' के नवाब बने. साल 2011 में मंसूर अली ख़ान की मौत के बाद सैफ़ अली ख़ान 'पटौदी खानदान' के 10वें नवाब बने थे. वर्तमान में सैफ़ अली ख़ान हरियाणा स्थित 'पटौदी खानदान' के इकलौते वारिस हैं.
साल 2011 में मंसूर अली ख़ान की मौत के बाद से उनकी पत्नी शर्मिला टैगोर ही 7000 करोड़ रुपये की इस पुश्तैनी संपत्ति की देख-रेख कर रही थीं . इसके बाद शर्मिला टैगोर ने ये ज़िम्मेदारी अपनी बड़ी बेटी सबा अली ख़ान को सौप दी थी. लेकिन 7000 करोड़ रुपये की इस पुश्तैनी संपत्ति की दिक्कत ये रही है कि 'पटौदी की वसीयत' का स्पष्टीकरण किसी के भी पास नहीं है. इस वजह से संपत्ति का कितना हिस्सा किसके पास होना चाहिए. इस बात को निश्चित नहीं किया जा सकता है.
दरअसल, 'पटौदी खानदान' की ये संपत्ति 'शत्रु संपत्ति विवाद अधिनियम' के अंतर्गत आती है. इस अधिनियम के अनुसार आने वाली किसी भी तरह की संपत्ति पर कोई भी व्यक्ति संपत्ति का वारिस होने का अपना दावा नहीं कर सकता है. यदि वो ऐसा करना भी चाहता है तो उसके लिए हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ना पड़ेगा. 'पटौदी खानदान' की इस प्रॉपर्टी पर शुरू से ही विवाद रहा है. 'पटौदी खानदान' की भोपाल वाली संपत्ति अब 'शत्रु संपत्ति विवाद अधिनियम' के अंतर्गत आ चुकी है. पिछले कई सालों से इस पूरी संपत्ति की जांच गृह मंत्रालय के 'शत्रु संपत्ति विभाग ' के द्वारा की जा रही है.
बॉलीवुड स्टार सैफ़ अली ख़ान पटौदी के 10वें नवाब होने के कारण आज इस संपत्ति के इकलौते वारिस हैं. सैफ़ ने अमृता सिंह के साथ पहली शादी की थी, जिनसे उनकी एक बेटी सारा अली ख़ान और एक बेटा इब्राहिम अली ख़ान है. सारा और इब्राहिम इस पुश्तैनी संपत्ति के दावेदार हो सकते हैं. सैफ़ ने करीना कपूर के साथ दूसरी शादी की है. करीना और सैफ़ के दो बेटे तैमूर अली ख़ान और जहांगीर अली ख़ान हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि तैमूर व जहांगीर इस पुश्तैनी संपत्ति के हकदार नहीं बन सकते हैं क्योंकि ये संपत्ति अब 'शत्रु संपत्ति विभाग' के कब्ज़े में आ चुकी है.
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