उपराष्ट्रपति नायडू ने रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया

(हेडिंग में सुधार के साथ)

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को सुपरस्टार रजनीकांत को प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया तथा अभिनेता मनोज बाजपेयी, धनुष एवं कंगना रनौत सहित 67 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के अन्य विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये।
वर्ष 2019 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा इस साल मार्च में की गई थी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने इस समारोह के आयोजन में करीब दो साल की देर कराई, लेकिन वह फिल्म उद्योग से देश के सर्वाधिक प्रतिभाशाली कलाकारों को आखिरकार यह पुरस्कार प्रदान कर प्रसन्न हैं।
उन्होंने यहां विज्ञान भवन में आयोजित समारोह के दौरान, ''मैं यहां उपस्थित होने का अवसर पा कर बहुत खुश हूं और मैं सभी विजेताओं तथा इन फिल्मों से जुड़े हर किसी को बधाई देता हूं।''
नायडू ने क्षेत्रीय फिल्मों को राष्ट्रीय फिल्म बताया।
उन्होंने कहा, ''भारतीय फिल्म उद्योग ने विभिन्न भाषाओं में अपनी स्वयं की एक पहचान बनाई है। मेरा मानना है कि सिनेमा की अपनी खुद की भाषा है जो सांस्कृतिक एवं क्षेत्रीय सीमाओं से पार जाती है। हम भारतीय फिल्म उद्योग की सफलता का जश्न मनाते हैं क्योंकि यह हमें मनोरंजन, प्रबोधन और प्रोत्साहन देता है।''
उन्होंने फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं से अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल लोगों व समाज की भलाई के लिए करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सिनेमा को सकारात्मकता और खुशियां लानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ''सकारात्मकता समय की आवश्यकता है। बाधक नहीं बनें, रचनात्मक बनें। ''
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने महामारी के बीच लोगों का मनोरंजन करते रहने के लेकर भारतीय फिल्म उद्योग की सराहना की।
उन्होंने कहा कि फिल्म लोगों को प्रभावित करने में एक अहम भूमिका निभाती है और इसलिए फिल्म उद्योग के लिए यह जरूरी है कि वह लोगों को प्रेरित करने वाली सामग्री तैयार करे।
उन्होंने कहा, ''हमारे फिल्म उद्योग को एक सॉफ्ट पावर माना जाता है और इसने ब्रांड इंडिया बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। यह फिल्म निमर्ताओं पर निर्भर करता है कि वे देश को किस रूप में दिखाना चाहते हैं।''
समारोह में सभी विजेता शामिल हुए। रजनीकांत और उनके दामाद धनुष को 'असुरन' के लिए तथा बाजपेयी को 'भोंसले' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
रजनीकांत ने अपने संबोधन में, अपने गुरू और फिल्म निर्देशक दिवंगत के. बालचंदर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
रजनीकांत (70) ने यहां विज्ञान भवन में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में कहा, ''मुझे यह पुरस्कार ग्रहण करते हुए बहुत खुशी हो रही है और प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के लिए मैं सरकार को धन्यवाद देता हूं। मैं अपना यह पुरस्कार अपने गुरू, अपने मार्गदर्शक के. बालचंदर सर को समर्पित करता हूं, मैं अपने भाई सत्यनारायण राव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे इतने अच्छे संस्कार दिए। वह मेरे जीवन में मेरे लिए पिता तुल्य हैं।''
बाजपेयी को इससे पहले भी फिल्म 'सत्या' और पिंजर' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।
उन्होंने कहा, ''मैं अपनी एक बहुत पसंदीदा फिल्म के लिए मुझे सम्मानित किये जाने से काफी खुश हूं।''
वहीं, 'मणिकर्णिका' और 'पंगा' में अपने प्रदर्शन को लेकर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार ग्रहण करने वाली रनौत ने अपना चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के बाद माता पिता का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, ''मेरी मम्मी-पापा होने के लिए आपका शुक्रिया। ''
निर्देशक प्रियदर्शन की मलयालम फिल्म 'मरक्कर: अराबिकादालिंते सिम्हम' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला, जबकि संजय पूरन सिंह चौहान को उनकी हिंदी फिल्म 'बहत्तर हूरें' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अभिनेत्री पल्लवी जोशी और अभिनेता विजय सेतुपति को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया। उन्हें 'द ताशकंद फाइल्स' और 'सुपर डिलक्स' के लिए सम्मानित किया गया।
नितीश तिवारी के निर्देशन वाली 'छिछोरे' को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मिला।
फिल्म के निर्माता साजिद नाडियावाला ने यह पुरस्कार फिल्म के मुख्य कलाकार एवं दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को समर्पित किया।
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