राष्ट्रीय पुरस्कार में थलाईवा 'रजनीकांत' और थलाईवी 'कंगना' का जलवा, फैमिली मैन मनोज वाजपेयी बने बेस्ट एक्टर

नई दिल्ली। 1 साल देरी से हुए 67वें राष्ट्रीय पुरस्कार आज दिल्ली के विकास भवन में उप राष्ट्रपति श्री वैंकेया नायडू और सुचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिए। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में इस बार जलवा 'थलाईवा' रजनीकांत और 'थलाईवी' कंगना रनौत के नाम रहा।

कंगना रनौत के नाम ये चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है। ये अवॉर्ड कंगना को उनकी फिल्म 'मणिकर्णिका' और 'पंगा' में बेहतरीन अदाकारी के लिए दिया गया है। पहली बार कंगना को 'फैशन' फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड दिया गया था। इसके बाद 2014 में फिल्म 'क्वीन' और 2015 में फिल्म 'तनु वेड्स मनु' के लिए उन्हे बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला था और अब इस चौथे नेशनल अवॉर्ड के बाद कंगना की खुशी का ठिकाना नहीं है। कांजीवरम साड़ी मे कंगना अपने इस नेशनल अवॉर्ड से जुड़ी तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करती जा रही हैं। इस गर्व के मौके पर कंगना के साथ उनकी मां और पिता भी शामिल हुए।
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को इस मौके पर 51वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार देकर उप-राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। थलाईवा रजनीकांत को मिले सिनेमा के इस सबसे बड़े सम्मान के पल में पूरा हॉल खड़े होकर उनके लिए तालियां बजा रहा था। इस अवॉर्ड को रजनीकांत ने अपने गुरू श्री के. बालचंदर, अपने भाई सत्यनारायण राव और अपने ड्राइवर दोस्त राजबहादुर को समर्पित किया। 5 दशक से सिनेमा पर राज करने वाले रजनीकांत ने कूली से लेकर सुपरस्टार तक का मुश्किल सफ़र तय किया है। उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। फिल्मों में अपनी एंट्री से पहले रजनीकांत एक बस कंडक्टर थे और उन्हे फिल्मों में एंट्री दिलाने का श्रेय साउथ फिल्म इंडस्ट्री के नामी फिल्म मेकर के. बालाचंदर थे।
अपने बस ड्राइवर दोस्त राज बहादुर को इस ख़ास मौके पर याद करके रजनीकांत ने एहसास दिला दिया, कि वो बीते वक्त को भूले नहीं है। उनके दोस्त ने ही रजनीकांत के एक्टिंग के सपने को ज़िंदा रखा और उन्हे मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने की सलाह दी थी। इंडियन सिनेमा के सबसे बड़े स्टार को सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान, उनके चाहने वालों के लिए भी एक तोहफ़ा है।
इस बाद साउथ स्टार धनुष को फिल्म असुरन और मनोज वाजपेयी को फिल्म भोसले के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड दिया गया। मनोज वाजपेयी का ये तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है। उन्हें सबसे पहले फिल्म 'सत्या' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड और फिर 'पिंजर' के लिए बेस्ट एक्टर ज्यूरी का नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। कोरोना पैंडेमिक के दौरान मनोज वाजपेयी की फिल्म 'भोंसले' को सीधा ओटीटी पर रिलीज़ कर दिया गया था, जिसमें उत्कृष्ट अभिनय करने के लिए ये पुरस्कार मिला।
सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म 'छिछोरे' को बेस्ट फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया, जिसे फिल्म के डायरेक्टर नितेश तिवारी और प्रोड्यूसर साज़िद नाडियाडवाला ने उप-राष्ट्रपति से लिया। फिल्म सुपरडील के लिए साउथ एक्टर विजय सेतुपति को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और फिल्म ताशकंद फाइल्स के लिए पल्लवी जोशी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का पुरस्कार दिया गया। फिल्म केसरी के गाने के बेहद पॉपुलर गाने तेरी मिट्टी के लिए बी प्रॉक को बेस्ट प्लेबैक सिंगर मेल के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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