शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग केस में हुई गिरफ्तारी के 20 दिन से अधिक होने के बाद अब पूरे केस में एक नया मोड़ आया है। जो कि साफ तौर पर एनसीबी की भूमिका पर सवाल खड़ा कर रहा है। आर्यन खान ड्रग केस में गवाह के दौर पर जिस शख्स का नाम सामने आया है वो है प्रभाकर सैल।
प्रभाकर सैल का दावा है कि वह किरण गोसावी के बॉडीगार्ड हैं। प्रभाकर को डर है कि ड्रग केस की छापेमारी में शामिल किरण गोसावी की तरह एनसीबी उन्हें भी गायब कर देगी। इसे लेकर प्रभाकर सैल ने एक हलफनामा दायर कर इस पूरे केस में कई सनसनीखेज खुलासा किया है।
केपी गोसावी वही है जिसकी सेल्फी आर्यन खान के साथ वायरल हुई थी। केपी गोसावी ने आर्यन खान से ड्रग्स लेने पर पूछताछ भी की थी। इसके बाद से वह गायब है। प्रभाकर सैल ने हलफनामा में बताया है कि 22 जुलाई 2021 को मुझे केपी गोसावी ने अपना निजी बॉडीगार्ड नियुक्त किया। किरण गोसावी ने मुझे बताया कि उनका एक्सपोर्ट का बिजनेस है। 1 अक्टूबर को रात 9.45 को फोन किया और सुबह 7.30 बजे तैयार रहने के लिए बोला। 2 अक्टूबर को गोसावी ने मुझे 500 रुपए जी पे के जरिए भेजा। साथ ही वॉट्सऐप पर लोकेशन भेजा।
मैं 8.45 को सीएसटी स्टेशन पहुंचा फिर लोकेशन देखने से पता चला कि एनीसीबी दफ्तर जाना है। मैं जाकर एनसीबी दफ्तर के बाहर खड़ा हो गया। गोसावी के ड्राइवर से पूछने पर पता चला कि वो ऊपर हैं। इसके बाद गोसावी और एक अधिकारी नीचे उतरकर इनोवा से कहीं चले गए। मुझे वहीं पर इंतजार करने के लिए बोला गया। 12 बजे गोसावी ने मुझे फोन करके ग्रीन गेट आने को बोला। मुझसे खाना लाने के लिए बोला गया। मैं वो सब लेकर वहां पहुंचा। मैंन समीर वानखेड़ें और बाकी सभी को खाने का सामान दिया।
आर्यन खान को एनसीबी के दफ्तर ले गए
मुझसे बोला गया कि क्रूज एरिया के ग्रीन गेट के पास इंतजार करना। फिर मुझे कुछ तस्वीरें भेजी गईं और बोला गया कि जो भी इनमें से दिखाई देता है तो मुझे बताना है। बाद में मुझे कहा गया कि एक शख्स जिसे मैंने पहचाना उसके साथ 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। रात 10.30 बजे किरण गोसावी ने मुझे बोर्डिंग एरिया में बुलाया। वहां मैंने आर्यन खान को कैबिन में देखा। मुनमुन धमेचा को भी देखा। जो एनसीबी अधिकारियों के साथ थीं। रात 12.30 बजे किरण गोसावी और एनसीबी के अधिकारी आर्यन खान को एनसीबी के दफ्तर ले गए।
10 खाली पन्ना रखा गया और साइन करने को बोला गया
मैंन पैदल एनसीबी के दफ्तर पहुंचा। मुझे 1 बजे गोसावी का फोन आया और पंच के तौर पर साइन करने के लिए बोला गया। मेरे सामने 9 से 10 खाली पन्ना रखा गया और साइन करने को बोला गया। मैंने बोला कि इस पर कुछ लिखा नहीं है तो बोला गया कि साइन करना है। फिर मुझसे आधार कार्ड मांगा गया। मैंने कहा कि मैं वॉट्स एप से भेज दूंगा। कुछ समय बाद केपी गोसावी नीचे आए, उनके साथ कोई सैम डिसूजा नाम का शख्स था। सैम और गोसावी में पांच मिनट बात हुई।
25 करोड़ का बम दे दिया
इसके बाद मैंने देखा कि पहले गोसावी अपनी गाड़ी से आगे गए और फिर सैम अपनी गाड़ी से पीछे गया। हम फिर लोअर परेल ब्रिज के पास पहुंचे। गोसावी और सैम की फोन पर बात हुई। गोसावी को मैंने कहते हुए सुना कि 25 करोड़ का बम दे दिया है। 18 फाइनल करते हैं। समीर वानखेड़े को भी 8 करोड़ देना है। थोड़ी देर बाद वहां पर ब्लू रंग की मर्सिडीज भी आकर खड़ी हुई। मैंने उस गाड़ी में पूजा ददलानी को देखा। सैम, गोसावी और पूजा के बीच बात हुई। फिर वहां से हम वाशी निकल गए।
एनसीबी अधिकारियों से डर लग रहा
गोसावी ने मुझसे कहा कि इंडियाना होटल के पास सिग्नल पर जाकर 50 लाख कैश ले आऊं। मैं सुबह अगले दिन वहां पहुंचा। सफेद रंग की कार आई और मुझे दो बैग्स दिए गए। मैं इसे लेकर गोसावी के घर गया। वो अपना बैग पैक कर रहे थे। वहां से इनआबिट मॉल आना तय हुआ।गोसावी ने मुझे बैग सैम को देने के लिए बोला। शाम को सैम को मैंने वो बैग दे दिया। जब कैश गिना तो वो केवल 38 लाख थे। तभी से किरण गोसावी गायब हैं। मुझे एनसीबी अधिकारियों से डर लग रहा है। जैसा उन्होंने किरण गोसावी के साथ किया वैसा मेरे साथ भी कर सकते हैं। बड़े मामलों में गवाहों को मार दिया जाता है। ताकि सच छुपाया जा सके।
source: filmibeat.com