'कूझांगल' ऑस्कर से बस 2 कदम दूर, भारत की ओर से ऑफिशियल एंट्री के लिए सेलेक्ट

मुंबई. तमिल फिल्म 'कूझांगल' को 94वें एकेडमी पुरस्कारों के लिए भारत की तरफ से आधिकारिक प्रवृष्टि के लिए चयनित किया गया है. इसका निर्देशन विनोतराज पी. एस. ने किया है. यह फिल्म शराब पीकर पत्नी से मारपीट करने वाले एक पति की कहानी पर आधारित है, जिससे तंग आकर उसकी पत्नी घर छोड़कर चली जाती है और फिर वह व्यक्ति अपने छोटे बच्चे को लेकर उसे ढूंढकर वापस लाने के लिए निकलता है.

'कूझांगल' में नए कलाकार- चेल्लापंदी और करूथादैयान हैं और इसके निर्माता विग्नेश शिवन एवं नयनतारा हैं. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की महासचिव सुपर्णा सेन ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''इस वर्ष ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक फिल्म 'कूझांगल' है. इसका चयन फिल्म निर्माता शाजी एन. करूण की अध्यक्षता वाली 15 सदस्यीय ज्यूरी ने सर्वसम्मति से किया है.''
ऑस्कर चयन की दौड़ में कुल 14 फिल्में थीं जिनमें मलयालम फिल्म ''नयातू'', तमिल फिल्म ''मंडेला'', फिल्म निर्माता शूजीत सरकार की ''सरदार उधम'', विद्या बालन अभिनीत ''शेरनी'', फरहान अख्तर की ''तू्फान'', कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित ''शेरशाह'' और मराठी फिल्म ''गोदावरी'' भी थी.
शिवन ने ट्विटर पर फिल्म के चयन की खबर शेयर की है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि, 'शायद, यह सुनने का मौका मिले …. और ऑस्कर पुरस्कार दिया जाता है…. अपने जीवन में सपने साकार होने में बस दो कदम की दूरी है.' विनोतराज ने कहा कि वह प्यार एवं समर्थन के लिए आभारी हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'यह खबर पाने से ज्यादा खुशी कुछ नहीं हो सकती.'
इस वर्ष की शुरुआत में 'कूझांगल' को 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल रोटरडम (आईएफएफआर) में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए टाइगर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. ऑस्कर के लिए चयनित होने के बाद फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने 'कूझांगल' की टीम को शुभकामनाएं दी. फिल्म निर्देशक ओनीर ने भी फिल्म के कलाकारों को बधाई दी और कहा कि वह थियेटर में फिल्म देखना चाहते हैं.
94वें एकेडमी पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन लॉस एंजिलिस में 27 मार्च 2022 को होगा. किसी भी भारतीय फिल्म को अभी तक ऑस्कर पुरस्कार नहीं मिला है. इससे पहले 2001 में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फिल्म की श्रेणी में अंतिम पांच में पहुंचने वाली फिल्म 'लगान' थी. शीर्ष 5 में जगह बनाने वाली अन्य फिल्में हैं 'मदर इंडिया'' (1958) और ''सलाम बंबई'' (1989). भारत की तरफ से 2021 में मलयालम फिल्म ''जल्लीकट्टू'' को नामित किया गया था जिसका निर्देशन लिजो जोस पेल्लीसेरी ने किया है.

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