पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए नई फिल्म नीति का प्रारूप जल्द तैयार किया जाएगा। इसमें ऐसी व्यवस्था होगी कि एक जगह आवेदन देने पर शूटिंग से लेकर सुरक्षा तक की सारी व्यवस्था हो जाए। शनिवार को बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक वंदना प्रेयसी के साथ स्थानीय फिल्म कलाकारों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। वंदना प्रेयषी ने बताया कि नवंबर में बाल दिवस के मौके पर राज्य सरकार द्वारा बाल फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों को बिहार में फिल्म की शूटिंग करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि पिछले दिनों गया में शूटिंग का प्रस्ताव आया था जिसे महज एक दिन में अनुमति दी गई है। सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन को भी पत्र लिखा गया।
फिल्म शूटिंग के लिए मिले सब्सिडी
कलाकारों ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश व झारखंड में फिल्मों की शूटिंग अधिक होती है, क्योंकि वहां इसके लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। बिहार मे भी सब्सिडी देने का प्रावधान किया जाय। बिहार में शूटिंग के लिए आने पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में बहुत समय लगता है और परेशानी का सामना करना पड़ता है। सचिव ने बताया कि इस बिंदु पर फिल्म निगम के द्वारा अलग से बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में रविकांत सिंह, विजय पांडे, प्रेमलता मिश्र ,अभय सिन्हा समेत कई कलाकार मौजूद थे।
बिहार के कलाकार पर शूटिंग बाहर
भोजपुरी की फिल्में आजकल खूब चलती हैं और पूरे देश में देखी जाती हैं। इन फिल्मों में अभिनेता से लेकर गायक और छोटे-बड़े कलाकार तक बिहार के रहते हैं। बिहार में ही इन फिल्मों का बड़ा बाजार भी है, लेकिन इनकी शूटिंग बिहार में बेहद कम ही होती है। एक दौर था जब हिंदी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता देवानंद तक की फिल्मों की शूटिंग बिहार में होती थी।