साइबर क्राइम की जांच करने वाली मुंबई साइबर पुलिस खुद साइबर क्राइम का शिकार हो गई. मुंबई साइबर पुलिस (Cyber police Mumbai maharashtra) स्टेशन ईमेल अकाउंट हैंकिंग (account hacking) मामले में पुलिस लगातार जांच कर रही है. इस मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि अकाउंट से एक हजार से ज्यादा सरकारी विभागों और निजी लोगों को फर्जी इंटेलिजेंस रिपोर्ट का फिशिंग मेल भेजा गया है. पुलिस का कहना है कि इस फिशिंग मेल (Phishing email) ने इस बात की तरफ इशारा किया है कि हैकरों का इरादा गोपनीय जानकारी चुराने का था. हालांकि, राज्य साइबर पुलिस ने इस बात का पता चलते ही फौरन उन सभी लोगों को पासवर्ड बदलने के लिए कह दिया था. जिन्हे फिशिंग मेल भेजे गए थे ताकि कोई बड़ी घटना होने से रुक जाए.
जिन विभागों और निजी व्यक्तियों को ईमेल भेजे गए थे. वो ईमेल खोले इसके लिए हैकरों की तरफ भेजे गए ईमेल के सब्जेक्ट में ‘मुंबई में जेके हमलों के पीछे आतंकवादियों को मार गिराया गया’ लिखा गया था. इसी के साथ ‘इंटेलिजेंस रिपोर्ट’ के नाम का एक पीडीएफ भी अटैच किया गया है.
फिशिंग मेल के जरिए पा सकते थे खुफिया जानकारी
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीडीएफ पर ने पर वो यूजर्स को सीधे एक नई वेबसाइट पर ले जाता और वहां उनके ईमेल अकाउंट से छेड़छाड़ कर सकते थे. यहीं नहीं, यूजर्स को पहले से मिले ईमेल को पढ़ भी सकते थे और खुफिया जानकारी हासिल कर सकते थे. बता दें कि ईमेल पूर्वी क्षेत्र के साइबर पुलिस थाने की ईमेल आईडी से भेजा गया था.
दिल्ली सहित कई शहरों के सरकारी अधिकारियों को भेजा गया था मेल
महाराष्ट्र साइबर पुलिस के अधिकारी ने बताया कि यह कहना पूरी तरह से सही नहीं होगा कि साइबर पुलिस स्टेशन का अकाउंट हैक कर लिया गया है, क्योंकि वो इसे एक्सेस नहीं कर पाए थे, लेकिन उनकी ईमेल आईडी का उयपोग करके ईमेल भेजा गया था. जिसके बाद महाराष्ट्र, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के हजारों पुलिस कार्यालयों, सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों को फिशिंग ईमेल मिले थे.
पाकिस्तान के रावलपिंडी से भेजा गया था फिशिंग मेल
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि ईमेल पाकिस्तान के रावलपिंडी से भेजा गया था, लेकिन हमें यकीन नहीं है कि ईमेल वास्तव में पाकिस्तान से भेजा गया था, या साइबर अपराधियों ने यह दिखाने के लिए अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया है ताकि सभी को लगे कि मेल पाकिस्तान के सर्वर से भेजा गया है. उन्होंने कहा जांच में सामने आया है कि पीडीएफ दस्तावेज बनाने के पीछे यूपी के एक व्यक्ति का हाथ था, लेकिन इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता है. मामले की जांच जारी है.
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