मास्को, रायटर/पीटीआइ। रूस का दावा है कि उसकी कोविड रोधी वैक्सीन स्पुतनिक लाइट (Sputnik Light) इंजेक्शन लगने के पहले तीन महीने में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 70 फीसद प्रभावी है। रूस के संप्रभु धन कोश (Russia's sovereign wealth fund) ने बुधवार को कहा कि सिंगल डोज वाली इस वैक्सीन के रूस का मुख्य टीका बनने की संभावना है।
रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (Russian Direct Investment Fund, RDIF) ने कहा कि गैमेलिया सेंटर ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ स्पूतनिक लाइट टीके के प्रभाव को लेकर एक लेख मेडआरएक्सआईवी प्रीप्रिंट सर्वर फार हेल्थ साइंसेज को दिया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कोविड रोधी वैक्सीन स्पुतनिक लाइट (Sputnik Light) को लेकर किया गया विश्लेषण 28 हजार प्रतिभागियों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित था। इस सभी को स्पूतनिक लाइट वैक्सीन की एक खुराक दी गई थी। अध्ययन में इनकी तुलना वैक्सीन नहीं लगवाने वाले 56 लाख लोगों के समूह से की गई।
अध्ययन में इस्तेमाल किए गए आंकड़े इसी साल मास्को में जुटाए गए थे। अध्ययन में पाया गया कि यह वैक्सीन 60 साल से कम उम्र के लोगों में 75 फीसद से ज्यादा प्रभावी है। बयान में कहा गया है कि कोविड रोधी स्पूतनिक लाइट वैक्सीन गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से काफी हद तक बचाती है। बता दें कि सिंगल डोज वाली स्पूतनिक लाइट वैक्सीन को 15 से अधिक देशों में मंजूरी मिली हुई है।
यही नहीं 30 अन्य देशों में इसके पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सबसे खतरनाक और संक्रामक है। गैमेलिया सेंटर के उप निदेशक डेनिस लोगुनोव ने कहा कि लेख में प्रस्तुत डेटा विश्लेषण दिखाता है कि टीकाकरण के बाद के महीनों तक स्पुतनिक लाइट अत्यधिक प्रभावी रहती है।
वहीं आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दिमित्रीव ने कहा कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के प्रभावकारी परिणाम दो-शाट वाले टीकों की तुलना में काफी बेहतर हैं। मालूम हो कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India, DCGI) ने भारत में रूस की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन (Sputnik Light Vaccine) के तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत दे चुका है।