दि लल्लनटॉप के एक दोस्त हैं कुलदीप त्यागी. गाज़ियाबाद के रहने वाले हैं. अभी बीती 30 सितंबर को इन्हें आनन-फानन में कहीं से जानकारी लगी कि दिल्ली-NCR में अब अक्टूबर से अगर गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी हुई तो चालान कटेगा. जो कि सही भी है. कुलदीप ने अपने एक परिचित को फोन किया. पूछा कि ये हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कैसे, कहां से लगेगी. परिचित ने एक लिंक दिया, जो उन्होंने खुद भी कभी इस्तेमाल नहीं किया था. बस कहीं से मिला था तो फॉरवर्ड कर दिया. ये लिंक था – https://hsrpseva.online/
कुलदीप इस लिंक पर गए. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर 475 रुपये पे भी कर दिए. इस मर्चेंट साइट के ज़रिये उनकी पेमेंट हुई – https://ebharatseva.in
HSRP के नाम पर फ्रॉड?
ये बात एक अक्टूबर की है. 12 अक्टूबर हो गई है और अब तक कुलदीप के पास कोई कम्युनिकेशन नहीं आया है. कि प्लेट बुक हुई कि नहीं, हुई है तो कहां जाकर लगवानी होगी. ई-भारत सेवा नाम वाली साइट पर वो जा रहे हैं तो ये लिंक खुल ही नहीं रहा. hsrpseva.online पर जाने पर भी रिफंड लेने का या शिकायत दर्ज कराने का कोई ऑप्शन नहीं दिख रहा. अब कुलदीप को पूरा शक है कि वे फ्रॉड के शिकार हो गए हैं. अभी पुलिस से शिकायत नहीं की है क्योंकि वो इंतज़ार में थे कि शायद हफ़्ते-दस दिन में उनकी नंबर प्लेट आ जाए या कोई कम्युनिकेशन हो. लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है.
कुलदीप जैसी गफ़लत आपके साथ न हो, इसके लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में सब कुछ जान लेना ज़रूरी है. ये भी कि नंबर प्लेट बुक करने का सही ठिकाना कौन सा है. शुरू करते हैं.
क्या है HSRP?
मोटर व्हीकल ऐक्ट में गाड़ियों के नंबर प्लेट को लेकर भी दिशा-निर्देश तय हैं. डिजाइनर नंबर लिखाना, अपने मन से किसी भी तरह की नंबर प्लेट बनवा लेना मना है. नंबरों का एक स्टैंडर्ड साइज और फॉन्ट तय है. इसे सख्ती से लागू करवाने के लिए ही परिवहन विभाग हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP पर जोर दे रहा है.
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एल्यूमीनियम से बनी होती हैं. इसमें एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम होता है. इस नंबर प्लेट पर बाएं कोने पर नीले रंग से एक अशोक चक्र बना होता है. प्लेट में 10 अंकों का पिन (पर्सनल आइडेंटिटी नंबर) भी होता है. ये पिन प्लेट के निचले लेफ्ट कोने पर प्रिंट होता है. इस नंबर प्लेट को सिर्फ़ दो नॉन-रीयूज़ेबल लॉक से ही लगाया जाता है. इस नंबर प्लेट से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, ऐसा दावा किया जाता है.
सरकार के निर्देश के अनुसार, वाहन मालिकों को जल्द से जल्द HSRP लगवानी होगी. दिल्ली-NCR में तो इसे अनिवार्य कर दिया गया है. न होने पर चालान की व्यवस्था भी है. धीरे-धीरे हर राज्य में इसे लागू किया जाएगा.
कैसे लगेगी HSRP?
एक अप्रैल 2019 के बाद से जो गाड़ियां आ रही हैं, उन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही लग रही है. शोरूम वाले ही आपसे नंबर प्लेट का पैसा ले लेंगे और कुछ दिन में वो ही स्थानीय ट्रांसपोर्ट ऑफिस से प्लेट मंगवाकर आपको बता देंगे. आप शोरूम जाइए और HSRP लगवा लीजिए.
लेकिन अगर आपकी गाड़ी इससे पहले की है और HSRP लगवाना चाहते हैं तो https://www.siam.in/ पर जाकर बुक कर सकते हैं. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए यही वेबसाइट इस्तेमाल करें, और कोई नहीं. जब आप इस वेबसाइट पर जाएंगे तो टॉप राइट कॉर्नर पर Book HSRP का ऑप्शन दिखेगा.
Book HSRP पर क्लिक करने पर ऐसा पेज खुलेगा, जो नीचे स्क्रीनशॉट लगा है. इसमें गाड़ी का नंबर, अपना फोन नंबर, ई-मेल आईडी वगैरह डालनी होगी.
इसके बाद अगले पेज पर आपको सेलेक्ट करना होगा कि आपकी गाड़ी दोपहिया है या चारपहिया. और गाड़ी किस कंपनी की है.
फिर आप MAKE MY HSRP के पेज पर पहुंच जाएंगे. यहां पता, शहर, पिन कोड, जैसी जानकारियां भरनी होगीं.
यहां से जब आप आगे बढ़ेंगे तो गाड़ी का इंजन नंबर, चेसिस नंबर देना होगा, जो गाड़ी के रजिस्ट्रेशन पेपर पर लिखा होता है. फिर आप अपने शहर का एक डीलर चुन सकते हैं और एक तारीख़. इस तय तारीख़ पर तय डीलर के यहां जाकर आपको HSRP लगवानी होगी. सारा प्रोसेस करने के बाद गाड़ी के हिसाब से आपको एक शुल्क जमा करना होगा और आपके पास कन्फर्मेशन आ जाएगा.
क्या है ई-चालान, और पुलिस को ऑनलाइन कैसे पता चलती है आपकी डिटेल्स?