विस्तार
कोरोना महामारी ने लोगों की दैनिक दिनचर्या को बदल कर रख दिया है। पहले की तुलना में आम लोगों का स्क्रीन टाइम भी बढ़ गया है। स्मार्टफोन चलाने वाले यूजर्स रोज 4.8 घंटे अपनी डिवाइस के साथ बिता रहे हैं। इस दौरान वे औसतन एक घंटा वीडियो देखने में अपना समय बिताते हैं। एक रिपोर्ट में समाने आया कि कोरोना लॉकडाउन के बाद से ऐसे यूजर्स की संख्या 35 करोड़ को पार कर चुकी है। 2018 और 2020 के मुकाबले ऐसे लोगों की संख्या 24 फीसदी के मुकाबले बढ़ी है, जो चीन की तुलना में दोगुनी है। प्रबंधन सलाहकार कंपनी बेन एंड कंपनी की हालिया रिपोर्ट 'भारत में ऑनलाइन वीडियो- मुख्य पहलू' में सामने आया कि कोरोना काल में लगे देशव्यापी लॉकडॉउन के दौरान लोगों ने ऑनलाइन वीडियोज जमकर देखे। लोगों का वीडियो देखने में बिताए जाने वाला समय 60 से 70 फीसदी तक बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इसके आंकड़े अभी ओर तेजी से बढ़ सकते हैं। भारत में आज इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से 60 फीसदी ऑनलाइन वीडियो देखते हैं, जबकि चीन में यह आंकड़ा 90 फीसदी से अधिक है। भारत में करीब 64 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से करीब 55 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं।
लंबे वीडियोज लोगों को ज्यादा पंसद इस रिपोर्ट में सामने आया कि 35 से 40 करोड़ लोगों को लंबे वीडियो देखना ज्यादा पसंद हैं। जबकि छोटे वीडियो देखना लोगों को कम पसंद है। लंबे वीडियो देखने वाले लोगों की संख्या में पहले के मुकाबले में ज्यादा बढोत्तरी देखी गई है। 2018 से 2020 के मुकाबले करीब डेढ़ गुना बढ़ोतरी इसमें हुई है। कोरोना लॉकडॉउन के बाद से देखा गया है कि लंबे वीडियो प्लेटफॉर्म पर सक्रिय उपयोगकर्ता रोजाना 2.5 घंटे से ज्यादा बिता रहे हैं। ऐसे उपयोगकर्ता वर्ष 2025 तक 50 करोड़ से बढ़कर 65 करोड़ तक होने के आसार हैं। इस रिपोर्ट में विश्लेषकों ने 15 सेकेंड से दो मिनट तक की अवधि के वीडियोज को छोटे वीडियो और दो मिनट से अधिक के वीडियो को लंबे वीडियो माना है।
टिकटॉक आने के बाद बढ़ा वीडियो बाजार भारत में छोटे वीडियोज का बाजार टिकटॉक के आने से शुरू हुआ। चीनी कंपनी के देश से बंद हो जाने के बावजूद वीडियो का क्रेज़ लगातार बढ़ रहा है। छोटे वीडियो प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं की संख्या 3.5 गुना से बढ़ रही है। वहीं लोगों की समय बिताने में भी बढ़ोत्तरी 12 गुना के हिसाब से देखी गई है। वर्ष 2020 में 20 करोड़ से अधिक भारतीयों ने कम से कम एक बार छोटे वीडियो देखे। एक सक्रिय उपयोगकर्ता रोजाना इन प्लेटफॉर्म पर 45 मिनट तक का समय बिता रहा है। इंस्टाग्राम (फेसबुक), यूट्यूब (गूगल), नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनियां छोटे और बड़े वीडियो पर ध्यान दे रही हैं। इसके अलावा लंबे वीडियो मुहैया कराने वाली यूट्यूब भी छोटे वीडियो के लिए यूट्यूब शॉट्स लेकर आई है।