नई दिल्ली. फेस्टिव सीजन चल रहा है और हर कोई अपने गैजेट्स अपडेट कर रहा है या किसी और के लिए खरीद रहा है. यदि आप किसी बुजुर्ग के लिए स्मार्टफोन खरीद रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए. और यदि आप अपने लिए नया स्मार्टफोन खरीदकर पुराना स्मार्टफोन अपने मां, पिता, दादा या दादी को देना चाहते हैं तो आपको क्या करना चाहिए कि उन्हें परेशानी ना हो. इस आर्टिकल में आप इस बारे में सब कुछ जानेंगे.
पहली बात तो यह कि आपको उन्हें पुराना फोन नहीं देना चाहिए क्योंकि उसमें आए दिन कोई न कोई परेशानी उन्हें होती रहेगी. फिर भी यदि आपको लगता है कि पुराना फोन, जिसे आप नए फोन से रिप्लेस कर रहे हैं वह ठीक है, तो आप उन्हें वह फोन दे सकते हैं. तो जान लीजिए कि पुराना या फिर नया फोन देते समय स्मार्टफोन का सेटअप किस तरीके से करना चाहिए.
स्क्रीन लॉक जरूर लगाएं
आजकल लगभग हर स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट से लॉक करने का ऑप्शन रहता है. कोशिश करें कि उन्हें फिंगरप्रिंट से ही फोन को खोलने पर लॉक करने को कहें. फिंगरप्रिंट से इसलिए क्योंकि उसके लिए उन्हें कुछ याद नहीं रखना पड़ेगा. बुजुर्गों की याददाश्त तुलनात्मक रूप से युवाओं से कम होती है. इसलिए जरूरी है कि उन्हें वह फोन एक बोझ की तरह ना लगे.
एंड्राइड फोन में स्क्रीन लॉक के लिए आप सेटिंग्स, सिक्योरिटी और फिर स्क्रीन लॉक का ऑप्शन चुनें. आईफोन में स्क्रीन लॉक लगाने के लिए सेटिंग्स, फिर फेस आईडी एंड पासकोड या फिर टच आईडी एंड पासकोड पर जाना होगा.
होमस्क्रीन को साफ रखें
आपके फोन की होम स्क्रीन पर ज्यादा आइकन हो तो चल सकता है मगर बुजुर्गों की फोन की स्क्रीन पर अगर ज्यादा आइकन होंगे तो उन्हें उनसे परेशानी होगी. इस परेशानी से बचाने के लिए आपको उनकी होम स्क्रीन पर केवल वही ऐप्स रखनी चाहिए जो कि उनके काम की हैं. उनके काम के अलावा कोई भी फालतू ऐप हो तो आप उसे होमस्क्रीन से हटा दें.
फोन में काम की ऐप्स ही रखें
हमारे फोन में ढेरों ऐप्स इनबिल्ट आती हैं, मगर उनमें से बहुत कम ही हमारे काम की होती हैं. इनमें से भी कुछ ऐप्स को हम हटा सकते हैं और कुछ को नहीं हटा सकते. तो काम न आने वाली जिन ऐप्स को आप हटा सकते हैं उन्हें हटा दीजिए और जिन्हें नहीं हटा सकते उनको कम से कम होमस्क्रीन पर मत रहने दीजिए. बुजुर्गों के फोन में सिर्फ वही ऐप रहने दे जो उनके लिए काम की हैं.
सिंपल और साफ सुथरा लांचर
युवाओं को फोन में अलग-अलग तरह के लांचर रखने का शौक होता है, मगर बुजुर्गों को ऐसे फैशनेबल लांचर की जरूरत नहीं होती. तो कोशिश करें कि फोन का अपना लांचर या फिर गूगल का साधारण लांचर कि उसमें रहे. इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.
फॉन्ट साइज पर ध्यान दें
कुछ बुजुर्ग ऐसे होते हैं जिन्हें छोटा फॉन्ट साइज पढ़ने में दिक्कत होती है. यदि आप भी किसी ऐसे बुजुर्ग के लिए फोन चैट कर रहे हैं तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि आइकन थोड़े बड़े लिखें और उनका टेक्स्ट भी पढ़ने लायक हो.
रिंगटोन और नोटिफिकेशन
बुजुर्गों के लिए फोन सेट करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें सुनाई कम देता है या सामान्य. यदि किसी बुजुर्ग की सुनने की क्षमता जरा कम है तो उसके लिए आप लाउड रिंगटोन और नोटिफिकेशन सेट कर सकते हैं. लेकिन यदि वह सामान्य आवाज को भी आराम से सुन पाते हैं तो आपको रिंगटोन लाउड नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें इरिटेशन या फिर परेशानी हो सकती है. रिंगटोन से जुड़ी एक बात और ध्यान में रखें कि वह ज्यादा भड़काऊ न हो. सिंपल रिंगटोन ही उन्हें भाएगी.
इमरजेंसी इंफॉर्मेशन जरूर डालें
हर मोबाइल फोन के अंदर यह सुविधा दी जाती है कि आप उसमें अपने इमरजेंसी कांटेक्ट नंबर रख सकते हैं. बुजुर्गों को किसी भी समय इमरजेंसी आ सकती है इसलिए इमरजेंसी कांटेक्ट में ऐसे नंबर डाल दें जिनसे तुरंत संपर्क किया जा सके.
साइबर सुरक्षा जानकारी जरूर दें
आजकल देखा जा रहा है कि साइबर ठग बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें झांसे में लेना बड़ा आसान होता है. तो ऐसे में आपको फोन हैंडओवर करते समय अपने बुजुर्ग को यह जरूर बताना है कि कोई भी अनजान व्यक्ति यदि उनसे पैसे की मांग करता है तो उन्हें मना कर देना चाहिए. किसी भी सूरत पर अपने एटीएम, अपने बैंक अकाउंट की डिटेल या फिर आधार कार्ड नंबर किसी से भी शेयर नहीं करना है. इसके अवाला यदि कोई व्यक्ति उन्हें कोई लिंक (ई-मेल पर या व्हाट्सऐप पर) भेजता है और उसे खोलने को बोलता है तो उसे कतई न खोलें. उन्हें सिखाएं कि इस तरह के लिंक्स को डिलीट कैसे किया जाता है.
इस बारे में News18Hindi ने एक जागरुकता सीरीज चलाई है, जिसमें लोगों को साइबर फ्रॉड और उनसे जुड़े मामलों से अवगत कराया जाता है. साइबर फ्रॉड किस-किस तरह के हो सकते हैं, ये जानने के लिए आप इस सीरीज में पड़ सकते हैं, साइबर फ्रॉड पर जागरुकता सीरीज.