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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि क्लासरूम टीचिंग का कोई विकल्प नहीं है। ऑनलाइन शिक्षा इसका विकल्प नहीं हो सकती। यदि ऐसा होता तो उच्च विकसित देशों में अब तक सारे स्कूल बंद हो चुके होते जो कि तकनीकी रूप से सबसे ज्यादा सशक्त हैं और अपने सभी बच्चों को तकनीकी सिस्टम उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा को बेहतर बनाने में उपयोगी अवश्य हो सकता है, लेकिन यह पारंपरिक शिक्षा का कभी विकल्प नहीं बन सकती।
गुरुवार को डिजिटल इंडिया कानक्लेव को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि कोरोना काल की सावधानियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के हाइब्रिड मॉडल को आजमाया जाना चाहिए जहां पारंपरिक रूप से कक्षाओं द्वारा दी जा रही शिक्षा और ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही शिक्षा को आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को गूगल जैसे प्लेटफोर्म का उपयोग सीखने के लिए देना चाहिए, इसके कारण बच्चों की सीखने की क्षमता प्रभावित नहीं होनी चाहिए। सिसोदिया ने कहा कि बच्चों की शिक्षा बेहतर बनाने के लिए अध्यापकों को बेहतर प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। इसके लिए तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।