कर्नाटक में नहीं खेल पाएंगे ऑनलाइन जुआ, Online Gambling Games पर रोक

Karnataka gambling law: कर्नाटक सरकार ने राज्य में ऑनलाइन जुआ पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. ऑनलाइन जुआ को रोकने के लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन जुआ कानून को भी नोटिफाइड कर दिया है.

कर्नाटक सरकार के इस फैसले के बाद से गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (Mobile Premier League -MPL) ने अपने नियमों और शर्तों को अपडेट किया है, जिनमें कहा गया है कि कर्नाटक में रहने वाले लोगों कोउसके प्लेटफॉर्म पर किसी भी मोबाइल गेम में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया है.
बता दें कि गेमिंग प्लेटफॉर्म (Gaming platform) मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) 70 से अधिक मोबाइल गेम्स में ऑनलाइन टूर्नामेंट की मेजबानी करता है.
हाल ही में तैयार स्टार्टअप यूनिकॉर्न एक त्रुटि संदेश दिखाता है जिसमें कहा गया है कि उपयोगकर्ता नकद-राशि आधारित गेम नहीं खेल सकते हैं क्योंकि “आपके राज्य में कानून आपको नकद राशि के साथ गेम खेलने की अनुमति नहीं देता है.”
हालांकि यह ऐप यूजर्स को बिना पैसे वाले गेम खेलने की अनुमति देता है.
एक अन्य खेल ऐप हलाप्ले (Halaplay) ने कहा है कि कर्नाटक में रहने वाले व्यक्तियों को ऐप के पेमेंट वाले खेल लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं है. ऑनलाइन रम्मी पोर्टल Ace2Three और रम्मी कल्चर (RummyCulture) ने भी राज्य में यूजर्स के लिए नकद गेम पर रोक लगा दी है.
एक अन्य फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ‘बल्लेबाजी’ (BalleBaazi) ने राज्य में अपने यूजर्स को एक ईमेल भेजकर कहा है कि वे अब राज्य में रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध के कारण प्लेटफॉर्म पर नहीं खेल पाएंगे.
कंपनी ने ईमेल में कहा, “जबकि हमारे पास आपका खाता अवरुद्ध कर दिया गया है, आपका पैसा हमारे पास सुरक्षित है, और हम 15 अक्टूबर तक आपके लिंक किए गए खाते से निकासी की प्रक्रिया के लिए काम करेंगे.”
यह स्पष्ट नहीं है कि फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रमुख ड्रीम11 (Dream11) कर्नाटक सरकार के इस फैसले के खिलाफ क्या कदम उठाने जा रहा है. चर्चा है कि वह सरकार के इस कदम के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा. क्योंकि Dream11 अपने यूजर्स को नकद प्रतियोगिताओं में प्रवेश करने की अनुमति दे रहा है.
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा ने 21 सितंबर को कर्नाटक पुलिस (संशोधन) अधिनियम, 2021 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पारित किया था, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग के उन सभी रूपों को गैरकानूनी घोषित करने की मांग की गई थी, जहां पैसों का लेन-देन शामिल है.
यह संशोधन ऑनलाइन जुए पर रोक लगाने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका के बाद आया है.

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