गोरखपुर: जीवित का प्रमाण देने के लिए बुजुर्गों को नहीं जाना होगा बैंक, ऐसे बनेगा डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट

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गोरखपुर में वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले 80 वर्ष से अधिक उम्र के सेवानिवृत्त बुजुर्गों को अब जीवित प्रमाणपत्र देने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ेगा। घर बैठे ही एंड्रायड फोन या कंप्यूटर पर आधार सत्यापन के जरिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी होगा जो सीधे बैंक पेंशन खाते में अपडेट हो जाएगा। सेवानिवृत्त बुजुर्गों को पेंशन पाने के लिए अभी तक बैंक या पोस्ट ऑफिस में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर अपने जीवित होने का प्रमाण देना पड़ता था। बुजुर्गों की समस्या को ध्यान में रखकर सरकार ने अब उन्हें डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सहूलियत दी है। यह प्रमाणपत्र बुजुर्ग घर बैठे ही बना सकते हैं और इसे जमा करवाने के लिए संबंधित बैंक भी नहीं जाना पड़ेगा। एक अक्तूबर से शुरू हुई यह सुविधा फिलहाल 80 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्गों को मिलेगी। यह बुजुर्ग तीस नवंबर तक अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बना और अपडेट कर सकते हैं। 80 वर्ष से कम आयु के सेवानिवृत्त बुजुर्ग एक से तीस नवंबर के बीच अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करवा सकेंगे।
इस तरह घर बैठे बनाएं डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने के लिए एंड्रायड मोबाइल पर जीवन प्रमाण एप डाउनलोड करना होगा। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटर पर जीवन प्रमाण की वेबसाइट पर भी प्रमाणपत्र बनवाया जा सकता है। यह एप यूआईडीएआई आधार सत्यापन पर काम करता है।सेवानिवृत्त बुजुर्ग को एप में अपना नाम, विभाग, सेवानिवृत्ति तिथि और आधार नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद अंगुलियों की छाप के साथ बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा। सत्यापन के साथ ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का यूनिक नंबर जारी हो जाएगा। यह नंबर सेवानिवृत्त बुजुर्ग के बैंक खाते में अपडेट हो जाएगा और उनकी पेंशन राशि जारी होने लगेगी।

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