जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: शहर के गढ़ी बोलनी रोड निवासी दसवीं कक्षा के छात्र हार्दिक कुमार दीवान ने वाट्सएप की टक्कर का एप बनाने के बाद अब एयर कूलिग तकनीक से लैस को-टर्मिनेटर किट बनाई है। इस को-टर्मिनेटर शील्ड को पहनने के बाद आपको न तो गर्मी लगेगी और न ही शीशे पर किसी तरह की भाप जमेगी। कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सक व आम आदमी इस शील्ड को घंटों तक पहनकर रख सकते हैं तथा उनको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने वाली। ऐसा इसलिए क्योंकि यह को-टर्मिनेटर शील्ड एयर कूलिग टेक्नोलोजी से लैस है। इसमें एयर फिल्टर भी लगा हुआ है तथा शील्ड को मोबाइल एप से भी जोड़ा जा सकता है। हार्दिक का कहना है कि वह इस शील्ड में कुछ और बदलाव कर रहे हैं, जिसके बाद इसे पहनकर हमारे बार्डर पर तैनात जवान भीषण गर्मी और सर्दी वाले इलाकों में भी अपनी ड्यूटी आसानी से कर सकेंगे। इसमें ठंडी हवा के साथ ही गर्म हवा फेंकने का भी सिस्टम विकसित किया जाएगा। इसे बुलेट प्रूफ भी बनाया जाएगा।
नहीं आएगा शील्ड पहनने के बाद पसीना: हार्दिक का कहना है कोरोना काल में चिकित्सकों व आम लोगों को शील्ड पहनने पर खासी परेशानियां झेलनी पड़ी थी। ज्यादा समय तक शील्ड पहनने पर पसीना आने के साथ ही सांस लेने में दिक्कत व एलर्जी भी हो रही थी। इस परेशानी को समझते हुए ही उसने छह माह की मेहनत के बाद को-टर्मिनेटर शील्ड बनाई है। इस हेलमेटनुमा शील्ड को एक कूलिग सिस्टम से कनेक्ट किया गया है। कूलिग सिस्टम में आइस जेल डालकर शील्ड के अंदर छोटे पंखे के माध्यम से ठंडी हवा पहुंचती है, जिससे पसीना व सांस लेने में कोई परेशानी नहीं आती। इस शील्ड का वाईजर एंटी फोग है जिसपर भाप नहीं जमती। इसके ऊपर के हिस्से में एक इमरजेंसी बटन लगाया गया है, जो मोबाइल एप से जुड़ा है। अगर कोई दिक्कत आए तो बटन दबाते ही आपके मोबाइल से इमरजेंसी मैसेज कान्टैक्ट वाले व्यक्तियों के पास पहुंच जाएगा। साथ ही एक खास आइयोनाइजर नाम के एक डिवाइस को इसके साथ ही जोड़ा गया है, जिससे कोई भी वायरस शील्ड पहनकर रखने वाले व्यक्ति से 6 मीटर दूर ही रहेगा। हार्दिक का कहना है कि अभी कूलिग सिस्टम का साइज थोड़ा बड़ा है। जिसे छोटा करने पर भी काम किया जा रहा है। हार्दिक ने अपने प्रोजेक्ट का पेंटेंट के लिए रजिस्ट्रेशन करा दिया है।