देश दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में इजाफा होने व बिक्री के साथ ही इलेक्ट्रिक चार्जरों की मांग भी बढ़ रही हैँ इलेक्ट्रिक चार्जर पर इन वाहनों को चार्ज करने में समय भी अधिक लगता है। हालांकि कई कंपनियों ने दावा भी किया है कि उनके वाहन कम से कम समय में फुल चार्ज हो जाएंगे।
ऑटो डेस्क : देश दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में इजाफा होने व बिक्री के साथ ही इलेक्ट्रिक चार्जरों की मांग भी बढ़ रही हैँ इलेक्ट्रिक चार्जर पर इन वाहनों को चार्ज करने में समय भी अधिक लगता है। हालांकि कई कंपनियों ने दावा भी किया है कि उनके वाहन कम से कम समय में फुल चार्ज हो जाएंगे। इसके बाद भी वाहनों को फुल चार्ज होने में 4 से 8 घंटे का समय लगता ही है। हालांकि इन बातों के इतर स्विटजरलैंड की कंपनी ABB ने दुनिया का पहला सबसे तेज इलेक्ट्रिक कार चार्जर बनाने का दावा किया है।कंपनी का कहना है कि उनका बनाया गया चार्जर सिर्फ 15 मिनट या उससे भी कम समय में इलेक्ट्रिक कार को फुल चार्ज कर देगा है। साथ ही किसी इलेक्ट्रिक कार को 3 मिनट चार्ज करने पर उसमें 100 किमी की रेंज मिलेगी। कंपनी ने इस चार्जर काे टेरा 360 मॉड्यूलर नाम दिया है। इसमें मैक्सिमम 4 व्हीकल को एक साथ चार्ज किया जा सकता है। एक इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करना का समय बैटरी की साइज और चार्जिंग पॉइंट की स्पीड पर निर्भर करता है। एक इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में कम से कम 30 मिनट या 12 घंटे से ज्यादा का समय लग सकता है। देखा जाए तो नॉर्मली एक इलेक्ट्रिक कार की 60 kWh की बैटरी को 7kW की कैपेसिटी वाले चार्जर से चार्ज करें तो कार को फुल चार्ज होने में 8 घंटे लगते हैं।ABB ने कहा कि नया टेरा 360 चार्जर का इनोवेटिव लाइटिंग सिस्टम यूजर्स को EV बैटरी के चार्जिंग स्टेटस और EV को पूरी तरह चार्ज होने में लगने वाले समय को दिखाता है। दुनिया का सबसे स्पीड EV टेरा 360 चार्जर कम जगह लेते हैं, जिसे छोटी प्लेस पार्किंग और ऑफिस कॉम्प्लेक्स या मॉल जैसे लगभग किसी कॉमर्शियल प्लेस में भी लगाया जा सकता है। ABB यानी कि ASEA Brown Boveri जो ट्रकों, जहाजों और रेलवे जैसे कॉमर्शियल व्हीकल के अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल के बुनियादी ढांचे और चार्जिंग के लिए इलेक्ट्रिक सुविधा मुहैया कराता है। ABB के अनुसार नया चार्जर का मैक्सिमम आउट पुट 360 किलोवॉट का है। ABB इस साल के अंत तक नया टेरा 360 चार्जर को यूरोप में सप्लाई करना शुरू करेगी। बाद में यह अगले साल तक अमेरिका, लैटिन अमेरिका और एशिया के देशों मिलेगा।