स्मार्ट सिटी ही नहीं, स्मार्ट एड्रेस भी: घरों में लग रहे QR कोड वाली एड्रेस प्लेट, गूगल बता देगा पता और मिलेंगी ये सुविधाएं

स्मार्ट फोन और स्मार्ट सिटी के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या स्मार्ट एड्रेस के बारे में जानते हैं? जी हां, अब आपका पता भी स्मार्ट हो गया है. दिल्ली के घरों पर एक क्यूआर कोड वाला प्लेट लगाया जा रहा है, जिसपर 9 डिजिट का एक यूनिक नंबर है. इसके सहारे आप आसानी से गूगल मैप के जरिए उस पते पर पहुंच सकते हैं. इतना ही नहीं, QR कोड को स्कैन कर बिजली बिल, पानी का बिल और प्रॉपटी टैक्स के बकाये की जानकारी हासिल कर सकते हैं.

कुछ लोग इसे प्रॉपर्टी का आधार कार्ड भी कह रहे हैं. यानी जिस तरह से एक इंसान के बारे में आधार से तमाम जानकारियां जुड़ी हुई हैं. ठीक उसी तरह इस 9 डिजिट के यूनिक नंबर के साथ भी है. यह एक डिजिटल एड्रेस है, जिसे नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के क्षेत्र में आने वाले मशहूर लुटियंस जोन के हर घरों पर लगाया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक एनडीएमसी ने 50,000 से अधिक मकानों को 9 डिजिट का यह कोड आवंटित कर दिया है. इस कोड को डिजिटल डोर नंबर (DDN) नाम दिया गया है. दिल्ली के अलावा, चंडीगढ़, इंदौर और तिरुपति जैसे शहरों में भी इस दिशा में काम हो रहा है. कुछ जगह यह शुरू भी हो चुका है. लेकिन इतने बड़े पैमाने पर DDN को दिल्ली में ही जारी किया गया है.
गूगल मैप पर DDN से मिलेगी पते की जानकारी
अब आपको मोहल्ले का या लैंडमार्क का नाम किसी के घर पहुंचने के लिए गूगल मैप में डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप डिजिटल डोर नंबर के सहारे ही गूगल मैप पर पता ढूढ पाएंगे. जल्द ही DDN के डेटा को गूगल के साथ शेयर किया जाएगा. गूगल मैप पर DDN डालने के बाद आपको घर की अलग-अलग एंगल में तस्वीर भी दिखेगी, जिससे आप आसानी से पहचान कर सकेंगे.
9 डिजिट के Digital Door Number के हैं 3 हिस्से
फिलहाल डिजिटल डोर नंबर 9 डिजिट का है. लेकिन इसे भविष्य में छोटा कर 4 डिजिट का कर दिया जाएगा ताकि आप आसानी से याद कर सकें. 9 डिजिट के डीडीएन को तीन हिस्सों में बांटा गया है. इसमें पहले के 3 डिजिट अंग्रेजी के अल्फाबेट हैं, जो इलाके का शॉर्ट फॉर्म है. इसके बाद का 3 अंक रोड या गली का नंबर है और आखिरी का 3 अंक मकान का नंबर है.
QR कोड और DDN के अलावा क्या है इस स्मार्ट प्लेट पर?
स्टील के इस स्मार्ट एड्रेस प्लेट पर डीडीएन और क्यूआर कोड तो है ही. साथ में यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID) से युक्त है. माना जा रहा है कि इसके जरिए भविष्य में लोगों की सुविधाओं के लिए कई तरह के प्लान तैयार किए जाएंगे.
कूड़ा उठाने वाली गाड़ी की होगी निगरानी
स्मार्ट एड्रेस प्लेट पर मौजूद क्यूआर कोड सफाई के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने वाला साबित होगा. दरअसल, जब कूड़ा एकत्र करने वाली गाड़ी आपके दरवाजे से निकलेगी तो गाड़ी पर लगा स्कैनर डीडीएन को स्कैन कराता जाएगा. अगर गाड़ी आपके दरवाजे पर रुके बगैर चली गई तो सीधे कंट्रोल रूम को यह जानकारी मिल जाएगी की आपके दरवाजे से कूड़ा नहीं उठाया गया है.
कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में लगाने के लिए भी स्कैनर आ गए हैं. जल्द ही एनडीएमसी इसे गाड़ियों पर लगा देगी. इससे बाद आपके घर से 15 मीटर के दायरे में रहने पर गाड़ी ऑटोमैटिक डीडीएन पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर लेगी. इससे कूड़ा प्रबंधन में बेहतरी आएगी.
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