नई दिल्ली, 29 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश की जनता को इलाज में होने वाली परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत देश के नागरिकों का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाया जाएगा जिसमें उसके स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी होगी। यह कार्ड एप्पल कार्ड की तरह होगा लेकिन खास बात यह होगी कि यह सभी भारतीयों के लिए बनेगा। इस कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें अस्पताल में पर्ची कटवाने से लेकर रिपोर्ट तक की सारी जानकारी लिंक रहेगी और मरीज को सारी रिपोर्ट लेकर घूमना नहीं पड़ेगा। आइए जानते हैं कि क्या है यह कार्ड और इसे कैसे बनाया जा सकता है।
Health ID Card: डिजिटल हेल्थ कार्ड क्या है और कैसे काम करेगा ? पूरी जानकारी यहां मिलेगी
डिजिटल हेल्थ कार्ड पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन का हिस्सा है। यह ऐसा कार्ड है जिसमें व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी, जैसे बीमारी, अस्पताल की पर्ची और डॉक्टर की बताई हुई दवा सब कुछ डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी। इस कार्ड के साथ हर व्यक्ति को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा जिसके माध्यम से इस सारी जानकारी को देखा जा सकेगा। इस कार्ड में आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, डॉक्टर की विजिट और यहां तक कि आपको कौन सी दवा लिखी गई है ये जानकारी भी होगी।
चूंकि यह सारी जानकारी एक सर्वर पर होगी इसलिए इसे सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टरों और अस्पतालों को केंद्रीय सर्वर से कनेक्ट किया जाएगा और उन्हें एक्सेस के अधिकार दिए जाएंगे। इसके लिए सभी का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। डिजिटल हेल्थ कार्ड के लिए आपको भी अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा जिसके बाद ही इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इसका डाटा एनडीएचएम हेल्थ रिकॉर्ड एप पर डाउनलोड होगा।
डिजिटल हेल्थ कार्ड का फायदा
इस कार्ड के होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इलाज के लिए मरीज की सारी रिपोर्ट लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी। आप अपने डॉक्टर के पास जाएंगे और वहां इस कार्ड से ही आपकी बीमारी की पूरी हिस्ट्री उसके सामने होगी, जिसके आधार पर मरीज का इलाज किया जा सकेगा।
मान लीजिए आप अस्पताल से इलाज कराकर लौटे हैं और आपकी रिपोर्ट खो गई है। अगली बार आप जाते हैं तो डॉक्टर आपसे रिपोर्ट मांगेगा, अगर रिपोर्ट न हुई तो वह फिर से जांच के लिए लिख देगा या फिर कई बार इलाज में मेडिकल हिस्ट्री की बहुत जरूरत होती है। ऐसे में रिपोर्ट खो जाने से डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए मुश्किल हो सकती है लेकिन डिजिटल हेल्थ कार्ड होने पर डॉक्टर तुरंत आपकी मेडिकल हिस्ट्री देख सकेगा और उसके आधार पर इलाज आगे बढ़ाएगा। कई बार डॉक्टर बदलने पर पुराने डॉक्टर आपको रिपोर्ट नहीं देते लेकिन कार्ड के होने पर इस समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
ऐसे बनाएं हेल्थ आई कार्ड
डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाने के लिए आपको मोबाइल नंबर या फिर आधार कार्ड नंबर की जरूरत होगी। इसे आप खुद ही मोबाइल या फिर लैपटॉप पर ऑनलाइन बना सकते हैं। इसके लिए कुछ आसान से स्टेप्स फॉलो करने होंगे।
1- सबसे पहले आप अपने मोबाइल या लैपटॉप के ब्राउजर में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की वेबसाइट ndhm.gov.in को ओपेन करें।
2- वेबसाइट खुलने के बाद आपको पेज पर हेल्थ आईडी नाम से एक सेक्शन नजर आएगा। इस सेक्शन में क्रिएट हेल्थ आईडी पर ।
3- ने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा जहां पर आपके सामने कई लॉग इन विकल्प होंगे।
A) आधार कार्ड से हेल्थ आईडी बनाएं B) मेरे पास आधार नहीं है/मैं अपना आधार कार्ड हेल्थ आईडी के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहता। C) पहले से हेल्थ आईडी है। लॉग इन करें
4- अगर आप आधार कार्ड से अपनी हेल्थ आईडी बनाना चाहते हैं तो पहले विकल्प पर ।
5- अपना 12 अंकों का आधार नंबर डालें इसके बाद आपको एक ओटीपी मिलेगा जिसे आपको भरना होगा।
6- ओटीपी डालने के बाद आपके सामने एक फॉर्म खुल जाएगा। जिसमें आपसे जुड़ी जानकारी जैसे नाम, पता और अन्य चीजें मांगी जाएगी। निर्देशों के अनुसार फॉर्म को भरकर सबमिट करें।
source: oneindia.com