वॉशिंगटन. अमेरिका की टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सत्य नडेला (Satya Nadella) ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ काम करने के खराब अनुभव के बारे में बताया है. सत्या नडेला ने सोमवार को कहा कि माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प का पिछले साल सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक (TikTok) को खरीदने की कोशिश, उन अजीब चीजों में एक है, जिस पर मैंने कभी काम किया.’ नडेला ने कहा कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक को खरीदने के लिए माइक्रोसॉफ्ट पर दबाव बनाया था.
ट्रंप प्रशासन ने चीनी सरकार के संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा के अस्पष्ट दावों के तहत शॉर्ट-फॉर्म वीडियो ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार कानूनी कारणों से विफल रहे. ट्रंप ने टिकटॉक के अमेरिकी यूजर्स के डेटा कलेक्शन के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण इसके अमेरिकी संस्करण को पेरेंट कंपनी बाइट डांस से अलग करने का आदेश दिया था.
अगस्त 2020 में माइक्रोसॉफ्ट ने प्रस्तावित अधिग्रहण पर बातचीत शुरू की, लेकिन बीच में एक और कंपनी ओरैकल ने बाइट डांस को एक नई डील का ऑफर दिया, जिसके बाद माइक्रोसॉफ्ट के साथ सौदा वहीं खत्म हो गया.
कैलिफोर्निया के बेवर्ली हिल्स में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान नडेला ने कहा, ‘मैंने इतने सारे लोगों के बारे में बहुत सी बातें सीखीं. सबसे पहले, टिकटॉक की बात करें. टिकटॉक हमारे पास आया था. हम टिकटॉक के पास नहीं गए थे.’
नडेला ने आगे कहा, ‘दो राजधानियों में हो रही बहुत सी चीजों के बीच टिकटॉक फंस गया था. राष्ट्रपति ट्रंप का एक विशेष दृष्टिकोण था और उसी के हिसाब से वह काम कराने की कोशिश कर रहे थे. फिर यह बंद हो गया. बाकी सब इतिहास है.’
नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए बाइटडांस के सीईओ झांग यिमिंग को आकर्षित करने वाली अमेरिकी कंपनी की सामग्री मॉडरेशन और बाल सुरक्षा से संबंधित सेवाएं थीं, जिन्हें Xbox वीडियो गेमिंग टूल और व्यावसायिक सोशल नेटवर्क लिंक्डइन में शामिल उत्पादों के माध्यम से विकसित किया गया था. बाइटडांस ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया.
नडेला ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि अमेरिका अभी भी राष्ट्रपति जो बाइडन के तहत किसी समझौते पर जोर दे रहा है या नहीं. बाइडन प्रशासन ने कहा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा कर रहा है.
बता दें कि भारत ने टिकटॉक समेत 106 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा चुका है. भारत की ओर से उठाए गए इस कदम पर अमेरिकी प्रशासन और सांसदों इसका स्वागत किया है.