इस साल की शुरुआत में गूगल ने बताया था कि दुनियाभर में एंड्रॉयड डिवाइस यूजर्स करीब 3 बिलियन हैं, जिसमें स्मार्टफोन और टैबलेट यूजर्स हैं. यह डिवाइस अलग-अलग एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं. इसमें कुछ स्मार्टफोन पुराने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम जिंजरब्रेड पर काम करते हैं.
गूगल के मुताबिक, एंड्रॉयड 2.3 वर्जन अब काफी पुराना हो गया है क्योंकि अब कंपनी ने एंड्रॉयड 11 का अपडेट जारी कर दिया है और जल्द ही एंड्रॉयड 12 भी दस्तक देगा. ऐसे में पुराने वर्जन से यूजर्स का डाटा लीक होने का खतरा है. ऐसे में एंड्रॉयड वर्जन 2.3 ओएस वाला फोन चलाने वाले यूजर्स गूगल मैप्स, यूट्यूब और गूगल कैलेंडर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
आगे क्या कर सकते हैं यूजर्स
एंड्रॉयड स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाकर यूजर्स चेक कर सकते हैं कि उनका फोन किस ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) पर काम कर रहा है. इसके लिए स्मार्टफो की सेटिंग्स में जाएं और वहां मौजूद अबाउट फोन पर के एंड्रॉयड वर्जन जांच सकते हैं.
हालांकि पुराने वर्जन होने पर यूजर्स नए अपडेट को चेक भी कर सकते हैं, जिसका विकल्प भी फोन के अंदर ही मिलेगा. ऐसे में अगर आप अपने फोन को एंड्रॉयड 3 हनीकॉम्ब के साथ अपडेट कर लेता है, तो वह गूगल के इन ऐप्स का इस्तेमाल कर सकेगा.
विंडोज फोन्स के साथ भी लिया था फैसला
गूगल इससे पहले भी सुरक्षा के मद्देनजर विंडोज फोंस से कई सर्विस को बंद कर चुका है. गूगल ने तब भी कहा था कि यहां डाटा लीक हो सकता है। बताते चलें कि हाल ही में वॉट्सऐप ने एक बयान जारी करके बताया था कि इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप भी पुराने एंड्रॉयड वर्जन में काम करना बंद कर देगा.
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