भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को बड़ा तोहफा दिया है. यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप (UTS On Mobile app) अब अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी उपलब्ध होगा. यूजर्स अपनी पसंद की एक भाषा चुन सकते हैं. मोबाइल ऐप पर यूटीएस का उपयोग करते हुए, यात्री पेपरलेस या कागज की टिकट में से विकल्प चुन सकते हैं. रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) कर यह जानकारी दी है.
मोबाइल टिकट एप्लीकेशन को पूरी तरह भारतीय रेलवे (CRIS) द्वारा विकसित किया गया है और यह सभी प्लेटफॉर्म- एंड्रॉयड और आईओएस पर उपलब्ध है. इसे फ्री में संबंधित स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इस एप्लीकेशन को इसकी उपयोगिता और ग्राहक अनुभव के लिए व्यापक सराहना मिली है और गूगल प्ले स्टोर पर इसे चार स्टार की रेटिंग मिली है. यूटीएस मोबाइल एप्लीकेशन के पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 1.47 करोड़ है.
यात्रियों के लिए मोबाइल टिकटिंग के फायदे
>> टिकट के लिए कतार में इंतजार करने की जरूरत नहीं. >> कागज रहित और पर्यावरण अनुकूल. >> एक बार टिकट बुक हो जाने पर, टिकट को इंटरनेट कनेक्शन के बिना ही ऑफलाइन मोड में टीटीई को दिखाया जा सकता है. >> चलते-चलते बुकिंग- यात्री जो जल्दी में रहते हैं या अंतिम समय पर यात्रा का फैसला करते हैं, वे सीधे स्टेशन पर पहुंचें, स्टेशन पर विभिन्न स्थानों पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करें. इसे स्कैन करके टिकट बुक करें. वर्तमान में यह सुविधा 1,600 स्टेशनों पर उपलब्ध है. >> पूरी तरह कैशलेस- ग्राहक रेल-वालेट, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई और ई-वालेट जैसे डिजिटल भुगतान के सभी प्रकार के विकल्पों को उपयोग कर सकते हैं. >> सस्ता- रेल-वालेट की सुविधा का उपयोग करने वाले ग्राहक को रिचार्ज पर 5 फीसदी बोनस की सुविधा मिलेगी. उदाहरण के लिए, यदि एक यात्री अपने वालेट में 1,000 रुपये का रिचार्ज कराता है तो उसे 1,050 रुपये मूल्य का रिचार्ज मिलता है.
पारम्परिक रूप से, अनारक्षित टिकट (Unreserved Ticket) रेलवे स्टेशनों पर बुकिंग काउंटरों पर बेचे जाते थे. बुकिंग काउंटरों पर यात्रियों के इंतजार का समय घटाने के उद्देश्य से, बड़े स्टेशनों पर अतिरिक्त प्वाइंट ऑफ सेल के रूप में रेलवे टिकट एजेंटों और स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनें पेश की गई थीं. हालांकि, इन सभी बिक्री केंद्रों पर ग्राहक की उपस्थिति की जरूरत पड़ती थी.
साल 2014 में लॉन्च हुआ था UTS on Mobile App
आपको बता दें कि UTS मोबाइल टिकटिंग को 27 दिसंबर, 2014 को लॉन्च किया गया था, जिसके बाद इस प्रणाली का सुरक्षा, बचाव और ग्राहक अनुभव के मानकों पर सख्ती से परीक्षण किया गया और फिर इसे पूरे मुंबई उपनगर में लागू कर दिया गया. धीरे-धीरे मोबाइल टिकटिंग को 2015-17 के बीच मेट्रो शहरों चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और सिकंदराबाद में लागू कर दिया गया. 1 नवंबर, 2018 से यूटीएस मोबाइल टिकटिंग को अंतर क्षेत्रीय यात्रा के लिए भी यानी सामान्य टिकटिंग की तर्ज पर पूरे भारतीय रेलवे में स्टेशनों के किसी भी जोड़े के बीच यात्रा के लिए उपलब्ध है.
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