धनबाद मुख्य संवाददाता
बच्चों के ऑनलाइन गेम खेलने व घट रही घटनाओं के मामले में शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षक व अभिभावक नजर रखें। अभिभावक बच्चों को अज्ञात वेबसाइट से सॉफ्टवेयर और गेम डाउनलोड करने से मना करें। शिक्षक बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें। कुछ संदेह लगे तो इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन व अधिकारियों को दें।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के डीईओ व डीएसई को जारी निर्देश में स्पष्ट कहा है कि बच्चों में धीरे-धीरे ऑनलाइन गेमिंग की आदत विकसित हो रही है। वे निरंतर इसका उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर बच्चों के सामाजिक एवं विद्यालय के समय सारिणी पर देखा जा रहा है। आवश्यकता है कि हम बच्चों की इस आदत के प्रति सचेत हों तथा उनका मार्गदर्शन करें। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने इस संबंध में मार्गदर्शन जारी किया है। विभाग का कहना है कि विषय की गंभीरता समझना जरूरी है ताकि बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन दे सकें। शिक्षकों व अभिभावकों को क्या करना है और क्या नहीं करना है। इस संबंध में गाइडलाइन जारी की गई है। बताते चलें कि कोविड के कारण स्कूल बंद रहने के दौरान मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है।
क्या है निर्देश
- यह नजर रखें कि बच्चे ज्यादा समय इंटरनेट या सोशल मीडिया पर तो नहीं दे रहे हैं
- उनके व्यवहार में आक्रमकता तो नहीं है
- घर में इंटरनेट के उपयोग के दौरान इंटरनेट गेटवे का उपयोग करें ताकि बच्चे की ओर देखी जाने वाली सामग्री की निगरानी हो
- यह ध्यान दें कि बच्चा एकांत में तो मोबाइल या कंप्यूटर का उपयोग नहीं कर रहा है
- डेविड व क्रेडिट कार्ड से एप सब्सक्रिप्सन करने की अनुमति नहीं दें
- बच्चों को हमेशा सुझाव दें कि इंटरनेट पर व्यक्तिगत जानकारी को साझा नहीं करें
For Hindustan : हिन्दुस्तान ई-समाचार पत्र के लिए क्लिक करें epaper.livehindustan.com