जरूरी बात: प्राइवेसी को लेकर व्हाट्सएप के दावे सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं, क्यों रखे गए हैं एक हजार कंटेंट रिव्यूअर

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व्हाट्सएप ने एक नई पॉलिसी लागू की है जिसके मुताबिक वह व्हाट्सएप के बिजनेस अकाउंट से होने वाले चैट को पढ़ेगा और उसके हिसाब से यूजर को विज्ञापन दिखाएगा। व्हाट्सएप इस डाटा को फेसबुक के साथ भी साझा करेगा। व्हाट्सएप की इस नई पॉलिसी के आने के बाद दुनियाभर में खूब विवाद हुआ। लाखों लोगों ने व्हाट्सएप को अपने फोन से अनइंस्टॉल किया और सिंग्नल और टेलीग्राम जैसे एप्स को लोगों ने फोन में जगह दी। प्राइवेसी विवाद के बाद से ही व्हाट्सएप विज्ञापन पर खूब पैसे खर्च कर रहा है। रेडियो से लेकर टीवी और अखबार के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब भी व्हाट्सएप के विज्ञापन से भरे पड़े हैं। यूट्यूब पर आपने वो दादा-दादी की एनिवर्सरी वाला विज्ञापन देखा ही होगा। अब यह समस्या विज्ञापन से नहीं है। समस्या उस प्राइवेसी को लेकर है जिसे लेकर व्हाट्सएप विज्ञापन पर इतने पैसे खर्च कर रहा है और निजता को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहा है। विज्ञापन पर पैसे खर्च करने के मुख्य कारण इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला यह कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर हुए विवाद के बाद व्हाट्सएप को काफी नुकसान हुआ है जिसकी जानकारी वह सार्वजनिक नहीं कर रहा है, लेकिन यूजर्स की घर वापसी के लिए प्राइवेसी आधारित तरह-तरह के विज्ञापन दे रहा है। दूसरा कारण यह हो सकता है कि विज्ञापन के जरिए कंपनी प्राइवेसी फीचर की खामियों को छिपाने की कोशिश कर रही हो। पिछले 5-6 महीने से भारत में व्हाट्सएप के जितने विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं, उतने व्हाट्सएप के इतिहास में कभी देखने को नहीं मिले। क्या वाकई एंड टू एंड एंक्रिप्टेड हैं व्हाट्सएप के मैसेज? व्हाट्सएप हमेशा से यह दावा करता आ रहा है कि उसका एप पूरी तरह से एंड टू एंड एंक्रिप्टेड है, लेकिन साथ ही वह यह भी कहता है कि यदि आप किसी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म जैसे गूगल ड्राइव पर चैट का बैकअप लेते हैं तो वहां एंक्रिप्शन खत्म हो जाता है। इसका प्रमाण दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह के मामले में देखने को मिला जब 2017 तक के व्हाट्सएप चैट पुलिस के हाथ लगे, हालांकि अब कंपनी के दावे के मुताबिक चैट का थर्ड पार्टी बैकअप भी एंड टू एंड एंक्रिप्टेड है। एंड टू एंड एंक्रिप्शन का मतलब यह है कि आप जिसके पास मैसेज भेजते हैं, उस मैसेज के बारे में आपको और सिर्फ उसे ही जानकारी होती है जिसके पास मैसेज जाता है। व्हाट्सएप भी आपके मैसेज को नहीं पढ़ता है, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि यदि आपके मैसेज के खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो कंपनी आपके मैसेज को डिक्रिप्ट करके पढ़ सकती है। व्हाट्सएप नहीं पढ़ता आपके मैसेज तो 1 हजार कंटेंट रिव्यूअर क्यों रखे गए हैं? व्हाट्सएप कहता है कि वह आपके मैसेज को नहीं पढ़ता है लेकिन हाल ही में इन्वेस्टिगेटिव वेबसाइट ProPublica ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि व्हाट्सएप ने करीब 1 हजार कंटेंट रिव्यूअर को नौकरी पर रखा है जो व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे कंटेंट (फोटो, वीडियो, मैसेज आदि) को देखते हैं। इन रिव्यूअर्स को एक स्पेशल सॉफ्टवेयर दिया गया है और ये लोग ऑस्टिन, टेक्सास, डबलिन और सिंगापुर के ऑफिस से अपना काम करते हैं। इन लोगों को एक घंटे के लिए करीब 1,200 रुपये मिलते हैं। व्हाट्सएप के मुताबिक ये टीम सिर्फ उन्हीं कंटेंट को पढ़ती है जिसे यूजर धोखाधड़ी, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, हेट स्पीच, आतंकवादी साजिश कैटेगरी में रिपोर्ट करते हैं। यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब भी किसी अकाउंट या कंटेंट को लेकर रिपोर्ट की जाती है तो रिव्यूअर्स आपके आखिरी पांच मैसेज को भी देखते है। ऐसे में सीधी बात यह है कि व्हाट्सए रिपोर्ट किए गए मैसेज के अलावा भी आपके अन्य कंटेंट और मैसेज को देख रहा है यानी आपका व्हाट्सएप पूरी तरह से प्राइवेट नहीं है और एंड टू एंड इनक्रिप्शन का दावा, इससे जुड़े विज्ञापन सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट हैं। DailyhuntDisclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Dailyhunt. Publisher: Amar Ujala

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