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पिछले कुछ सालों में गेमिंग इंड्स्ट्री व टेक्नॉलजी में काफी परिवर्तन हुआ है। जहां कुछ समय पहले तक सुपर मारियो व कॉन्ट्रा जैसे क्लासिक गेम्स एक कार्टेज में आते थे तो वहीं अब उनकी जगह हाई क्वालिटी गेम्स ने ले ली है। यह परिवर्तन कंप्यूटर गेम्स से होते हुए गेमिंग कॉन्सोल्स जैसे प्लेस्टेशन व एक्सबॉक्स तक आया। वर्तमान समय में इसकी जगह स्मार्टफोन्स ने ले ली है। आज गेमिंग सिर्फ एक एंटरटेनमेंट का साधन नहीं बल्कि यह एक बेहतरीन करियर के रूप में भी देखा जा रहा है।
आज के समय में ढेरों गेमर्स अपने गेम्स की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग करते हैं, जिसके लिए एक बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर व हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता होती है। बता दें कि इंडिया आज के समय में पूरे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग हब है, साथ ही देश में गेमिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री तेजी से आगे भी बढ़ रही है। ऐसे में आने वाले समय में 5G के आने से इसमें भारी परिवर्तन होगा, जो कि देश की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने दिखाया भी है। एयरटेल ने हाल ही में मानेसर में 5G लाइव टेस्ट नेटवर्क पर क्लाउड गेमिंग डेमो सेशन आयोजित किया। इसके परिणामों ने देश के गेमर्स के लिए भविष्य में ढेरों संभावनाएं व नए रास्ते खोले हैं। कैसा रहा एयरटेल 5G का प्रदर्शन? क्लाउड गेमिंग के प्रदर्शन को देखने के लिए एयरटेल ने देश के टॉप गेमर सलमान अहमद जिन्हें माम्बा व नमन माथुर जिन्हें मोर्टल के नाम से जाना जाता है को बुलाया। उनके स्मार्टफोन को 3500 मेगाहर्ट्ज कैपेसिटी के स्पेक्ट्रम बैंड से कनेक्ट किया गया और एयरटेल 5G के द्वारा उन्हें 1 Gbps से ऊपर की स्पीड और 10 मिलीसेकेण्ड की लेटेंसी मिली। दोनों गेमर्स ने अपने इस स्मार्टफोन गेमिंग एक्सपीरियंस को हाई-एंड पीसी और कंसोल गेमिंग एक्सपीरियंस के समान बताया। उन्होंने यह भी कहा कि बिना किसी लैग, लेटेंसी और पिंग के, 5G हर गेमर का सपना बन जाएगा और वे इसके भारत में पूरी तरह से लॉन्च होने का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं। क्लाउड गेमिंग के द्वारा बिना कोई अतिरिक्त हार्डवेयर खरीदे अथवा गेम डाउनलोड किए गेमर्स देश के डिजिटल बैटलग्राउंड का आनंद ले सकते हैं। 5G नेटवर्क के साथ गेमर्स सिर्फ अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर बेहतरीन ग्राफिक्स व गेमप्ले का लुत्फ उठा सकते हैं जो कि अब तक सिर्फ हाई-टेक पीसी व गेमिंग कंसोल्स में ही उपलब्ध था।
5G नेटवर्क के साथ क्या है गेमिंग का फ्यूचर एयरटेल 5G टेस्ट नेटवर्क का इस्तेमाल करने के बाद मोर्टल व माम्बा दोनों ने इस पहल कि तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह देश में गेमिंग इंडस्ट्री के डेवलपमेंट के लिए बेहद खास होगा, साथ ही इसके द्वारा छोटे शहरों से आने वाले प्लेयर्स को भी ढेरों मौके मिल सकेंगे। उन्होंने नोट किया कि जहां कई देश गेमिंग को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता देते हैं, वहीं भारत में यह फ़ासला तय होना अभी बाकी है। हालांकि, एयरटेल 5G की तरह, सही बुनियादी ढांचे और सही इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ, देश एक उपयुक्त माहौल बना सकता है जिसके द्वारा आगामी गेमर्स के लिए गेमिंग एक बेहतरीन करियर विकल्प बन सके।
2020 तक देश की कुल आबादी के 59% हिस्से तक स्मार्टफोन पहुंच चुका है, और साल 2040 तक देश की कुल आबादी तक स्मार्टफोन पहुंचने की संभावना है। ऐसे में स्मार्टफोन की बढ़ती मांग के साथ हाई-स्पीड इंटरनेट की मांग भी निश्चित रूप से बढ़ेगी। जिसके द्वारा कम समय में एक बेहतरीन क्लाउड गेमिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो सकेगा। ऑनलाइन गेम्स जैसे पोकेमॉन गो, फोर्टनाइट, जीटीए व अन्य की बढ़ती मांग के साथ क्लाउड गेमिंग को निश्चित ही गेमर्स द्वारा पसंद किया जाएगा। ऐसे में हाई-स्पीड 5G इंटरनेट द्वारा गेमर्स को बिना किसी अतिरिक्त खर्च के एक बेहतरीन गेमिंग अनुभव प्रदान करेगा।
एयरटेल 5G के ट्रायल के लिए हाल ही में हैदराबाद में एयरटेल ने 4G नेटवर्क पर 5G सर्विस को होस्ट किया। देश के लोगों का ई-कॉमर्स, ऑनलाइन एजूकेशन, रिमोट वर्किंग व ऑनलाइन गेमिंग के तरफ झुकाव ने 5G सर्विस को आज के समय की आवश्यकता बना दिया है। पहले भी एयरटेल ने नोकिया व एरिक्शन जैसे टॉप टेक कंपनियों के साथ देश के विभिन्न शहरों में 5G का ट्रायल किया था। साथ ही यह इंटेल, टाटा ग्रुप, क्वालकॉम,व अन्य कंपनियों के साथ जुड़ कर 5G सोल्यूशन्स पर काम कर रहा है।
अस्वीकरण: 5G टेस्ट नेटवर्क डीओटी द्वारा स्वीकृत स्थानों पर निर्धारित ट्रायल स्पेक्ट्रम पर आधारित है
नोट: यह आर्टिकल एयरटेल के सहयोग के साथ लिखा गया है.