सुपौल। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण कछुए की चाल चल रही है। या यूं कहें कि सरकार की महत्वपूर्ण योजना को जो गति मिलनी चाहिए थी वह अब तक नहीं मिल पाई है। दरअसल वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 में विभाग ने जितने लाभुकों को योजना की प्रथम किस्त की राशि दी उसमें से लगभग 66.74 फीसद लाभुकों ने ही आवास को पूर्ण किया है, जबकि जिले को दिए गए लक्ष्य के हिसाब से देखें तो आवास पूर्ण होने की संख्या लगभग 62.19 फीसद ही आती है। इस तरह यह कहना उचित होगा कि सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना में लाभुकों की हठधर्मिता के कारण यह पूर्व में संचालित इंदिरा आवास योजना की राह पकड़ ली है। दरअसल वित्तीय वर्ष 16-17 से पूर्व यह योजना इंदिरा आवास के नाम से संचालित की जाती थी। 2016-17 में इंदिरा आवास योजना में बड़ा फेरबदल कर न सिर्फ योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया, बल्कि लाभुकों के चयन समेत राशि में भी बदलाव किया गया। सरकार द्वारा इस योजना में बदलाव के बावजूद आवास निर्माण में कोई खास बदलाव नहीं हो पाया। योजना की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि हर वर्ष अपूर्ण भवनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो जा रही है। हालांकि विभाग ने भी समय-समय पर उजला व लाल नोटिस जारी कर योजना में गति लाने का प्रयास किया। बावजूद योजना को जो गति मिलनी चाहिए थी वह अब तक नहीं मिल पाई है।
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बढ़ती जा रही अधूरे भवनों की संख्या
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से वित्तीय वर्ष 2016-17 से संचालित इस योजना के तहत 2016-17, 2017-18, 2019-2020, 2021 में 60133 लाभुकों को लाभ देने का लक्ष्य जिला को प्राप्त हुआ। जिसके तहत विभाग द्वारा अब तक प्रथम किस्त के रूप में 63260 लाभुकों को लाभ दिया गया। जिन 63207 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि दी गई उसमें से 49868 लाभुकों ने ही द्वितीय किस्त प्राप्त की जबकि 41288 लाभुक तृतीय किस्त ले पाए। इनमें से अभी तक 42221 लोगों की अपना आवास पूर्ण किया है। इस तरह आंकड़े देखें तो प्रथम किस्त जिन 63207 लाभुकों ने प्राप्त किया है उनमें से महज 41288 लाभुकों तृतीय किस्त प्राप्त हुआ है। नतीजा है कि हर वर्ष अधूरे भवनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
---------------------------------- ये हुई विभागीय कार्रवाई
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे लाभुकों की संख्या 21113 है जिन्हें उजला नोटिस भेजा गया है। सरकारी प्रावधान के मुताबिक उजला नोटिस देने के एक माह बाद भी यदि भवन निर्माण नहीं किया जाता है तो फिर उन्हें लाल नोटिस दिया जाता है। लाल नोटिस पाने वाले लाभुकों की संख्या 16017 है। अभी तक विभाग द्वारा 376 लाभुकों के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद तथा 212 लाभुकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
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कोट
हाल के दिनों में आवास पूर्ण करने की दिशा में गति आई है हालांकि अभी बारिश का मौसम है जिसके कारण निर्माण की गति कम हुई है विभाग आवास पूर्ण कराने के लिए तत्पर है।
मुकेश कुमार सिन्हा, उप विकास आयुक्त
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प्रखंडवार प्रथम किस्त प्राप्त करने वाले लाभुकों की संख्या तथा पूर्ण आवास की संख्या
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बसंतपुर-5287--4023
छातापुर-4532--3389
किशनपुर-6514--4194
मरौना- 6972--3507
निर्मली- 3391--2019
पिपरा- 4709--3497
प्रतापगंज-2550--1907
राघोपुर-7740--5429
सरायगढ़-2251--1590
सुपौल- 11433-7534
त्रिवेणीगंज-7881--5132