बिना सत्यापन किए वेतन भुगतान करना पड़ा महंगा, लिपिक किए गए निलंबित

जागरण संवाददाता, सुपौल: बिहार सेवा बोर्ड से चयनित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के सत्यापन किए बिना ही वेतन आदि भुगतान करने में संलिप्त जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय सुपौल में पदस्थापित लिपिक संजय कुमार भारती को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की यह कार्रवाई क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के स्तर से की गई है। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कोसी प्रमंडल सहरसा जगतपति चौधरी ने उक्त लिपिक को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के अधीन रखा है।

दरअसल यह मामला मधेपुरा जिला से जुड़ा हुआ है। निलंबित लिपिक पर आरोप है कि विद्यालय सेवा बोर्ड से चयनित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों के बिना सत्यापन के वेतन भुगतान करने में इनकी संलिप्तता रही है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा के निदेशक के आदेश की अवहेलना भी इनके द्वारा की गई है। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी मधेपुरा ने उक्त लिपिक के विरोध में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को प्रतिवेदित किया था। इस आलोक में क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक ने बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के नियम 9 के आलोक में तत्काल प्रभाव से विभागीय कार्रवाई के अधीन रखते हुए निलंबित कर दिया है। पत्र में कहा गया है कि निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय सहरसा होगा तथा इस दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।

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