बड़हिया प्रखंड में पिछले एक माह से लगातार रुक-रुककर हो रही बारिश मक्का किसानों पर आफत बनकर टूटी है। मक्के की तैयार फसल बर्बाद हो गई है। किसानों को हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। बड़हिया प्रखंड में 250 हेक्टेयर खेत में खरीफ फसल के रूप में गरमा मक्का की खेती होती है। फसल की बोआई मार्च-अप्रैल माह में की गई थी। फसल तय समय पर तैयार भी होने लगी। मक्का के बाल में दाना भी आने लगा था लेकिन पिछले माह से लगातार हो रही बारिश से खड़ी फसल बर्बाद होने लगी है। मानसून के प्रवेश के साथ ही अधिक बारिश किसानों के लिए आफत बनकर आई। किसान अविनाश कुमार, विपिन कुमार, अरुण सिंह, सुधीर महतो, अरविद महतो, संदीप कुमार आदि ने बताया कि मक्का में लगा दाना खेतों में सूखने लगा है। वे लोग पिछले चार महीने से फसल तैयार करने में खून-पसीने एक किए हुए थे, लेकिन अब फसल बर्बाद होते देख बेचैन हो उठे हैं। हमलोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। कुछ किसानों ने मौसम ठीक रहते हुए बाल में दाना भरने पर मक्के की कटाई कर ली थी। लेकिन आधी तैयार फसल अभी भी खेतों में सूख रही है। इसे बचाने के लिए किसान कटाई के बदले खेतों में पौधे से बाल निकाल रहे हैं। किसानों का कहना है कि लागत निकालने के लिए किसान फसल को निकाल रहे हैं लेकिन बार-बार बारिश होने से इसमें भी दिक्कत हो रही है। बड़हिया के प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्रवण कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में तय लक्ष्य के अनुसार लगभग 250 हेक्टेयर खेत में गरमा मक्का की खेती की गई है। अभी क्षति का जायजा किसानों से प्राप्त नही हुआ है। जायजा मिलने पर क्षति का आकलन कराया जाएगा।
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